दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में वर्ष 2020 में हुए दंगों के दौरान कथित तौर पर हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या करने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा होने के एक आरोपी को जमानत दे दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला आरोपी शाहिद की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) सहित विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 24 फरवरी, 2020 को पीर बाबा दरगाह के पास चांद बाग में दंगाई भीड़ ने पुलिस पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप गोली लगने से रतन लाल की मौत हो गई और शाहदरा के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त अमित शर्मा, तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त (गोकुलपुरी) अनुज कुमार और हेड कांस्टेबल क्षेत्रपाल गंभीर रूप से घायल हो गए थे। न्यायाधीश ने मंगलवार को दिए अपने आदेश में आरोपी शाहिद को जमानत प्रदान की और उसे 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके और जमानती मुचलके के अलावा इतनी ही राशि का जमानतदार पेश करने का निर्देश दिया।