तमिलनाडु के तूतीकोरिन में हुई घटना में पुलिस कार्रवाई का बर्बर चेहरा सामने आया है। तूतीकोरिन में वेदांता ग्रुप की यूनिट स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में मरने वालों की संख्या 13 पहुंच गई है । तूतीकोरिन में विरोध-प्रदर्शन के कारण स्टरलाइट कॉपर प्लांट बंद होने से 32 हजार 500 नौकरियों पर असर पड़ा है। इनमें 3 हजार 5 सौ लोगों की आजीविका पर सीधा असर पड़ा है, जबकि 30 से 40 हजार नौकरियों पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ा है।
स्टरलाइट कॉपर प्लांट में 2,500 कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर हैं, जिन्हें कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट के force majeure प्रावधान का उल्लेख करते हुए नोटिस जारी किया है। कम से कम 30 हजार अप्रत्यक्ष कर्मचारी कारखाना बंद होने से बेरोजगार हो गए हैं, जोकि सप्लायर्स, लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, कॉपर वॉयर यूनिट अन्य गतिविधियों के जरिए कारखाने से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे. बेरोजगार हो चुके इन लोगों के सामने प्लांट के बंद रहने तक आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्लांट का लाइसेंस रिन्यू करने से इनकार कर दिया है, बोर्ड ने अप्रैल के बाद से तीन मुख्य प्रावधानों के उल्लंघन का जिक्र किया है। बोर्ड ने पाया कि स्टरलाइट ने धातुमल को नदियों में बहाते हुए पर्यावरण नियमों का उल्लंघन किया है। साथ ही प्लांट के नजदीकी नलकूपों के पानी को लेकर प्लांट ने बोर्ड को रिपोर्ट नहीं दी है. हालांकि स्टरलाइट ने इन आरोपों को खारिज किया है। स्थानीय लोगों में प्रदूषित पानी के चलते कैंसर होने के बारे में कंपनी के सीईओ रामनाथ ने कहा कि ये सब अफवाह है, जिसे प्रचारित किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने स्टरलाइट फैक्ट्री के आसपास धारा 144 लागू कर रखी है। इससे सामान्य जीवन बहुत प्रभावित हुआ है। आम लोगों को बिस्किट और दूध लेने के लिए भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार तीसरे दिन भी दुकानें बंद हैं। बड़े पैमाने पर हिंसा भड़काने के आरोप में पुलिस ने 67 लोगों को गिरफ्तार किया है।
दूसरी ओर पूरे तमिलनाडु में खुफिया सूत्रों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट और रेलवे ट्रैक्स पर हमले को लेकर अलर्ट जारी किया है। राज्य के खुफिया विभाग ने सभी कमिश्नरों को एक नोट भेजा है, जिसमें खुफिया विभाग के साथ मिलकर काम करने को कहा गया है। साथ ही महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया है।
इंटरनेट पर रोक
तमिलनाडु सरकार ने सोशल मीडिया के जरिये अफवाह फैलने से रोकने और शांति बहाली के लिए तूतीकोरिन और उसके आसपास के तिरूनेलवेली और कन्याकुमारी जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी। सरकार ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश प्रसारित होने का आरोप लगाते हुए एक आदेश में कहा कि ऐसे संदेशों से तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर संयंत्र के खिलाफ करीब 20 हजार लोगों की बड़ी भीड़ एकत्रित हो गई। इसका परिणाम बाद में हिंसा और पुलिस कार्रवाई के तौर पर सामने आया।
सरकार ने कहा कि असामाजिक तत्व स्थिति का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार ने इन तीन जिलों में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के नोडल अधिकारियों को आज से 27 मई तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने का निर्देश दिया। इलाके में एहतियातन धारा 144 लागू है।
केंद्र ने तमिलनाडु से रिपोर्ट मांगी
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में तांबा संयंत्र को बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच बुधवार को फिर से झड़प के बाद पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गयी। पुलिस की कार्रवाई में कुल 12 लोगों की जान चली गयी थी। राज्य सरकार ने हिंसा की जांच के लिए मद्रास उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरूणा जगदीशन के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया है। लगातार दूसरे दिन हिंसा होने के बाद राज्य सरकार ने तूतीकोरिन के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया है।
तूतीकोरिन के जिलाधिकारी का स्थानांतरण
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि तूतीकोरिन के जिलाधिकारी एन वेंकटेश का स्थानांतरण कर उनकी जगह तिरूनलवेली के जिलाधिकारी संदीप नंदूरी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिला पुलिस अधीक्षक पी महेंद्रन का तबादला चेन्नई कर दिया गया है। उनकी जगह नीलगिरि जिला पुलिस अधीक्षक मुरली रंभा को नई जिम्मेदारी दी गई है ।
बहरहाल, केंद्रीय गृह मंत्रालय वेदांता समूह के स्टरलाइट तांबा संयंत्र को बंद करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी के लिए बने हालात पर तमिलनाडु सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जारी किया नोटिस
बड़े पैमाने पर हुई हिंसा का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है। उधर, मद्रास उच्च न्यायालय ने संयंत्र के प्रस्तावित विस्तार पर रोक लगा दी है। बुधवार को हुई प्रदर्शनकारियों की मौत से नाराज लोग सड़कों पर उतर आये और उन्होंने पुलिस पर पथराव किया और दो सरकारी गाड़ियों में आग लगा दी। इसके बाद पुलिस ने गोलियां चलायीं. झड़प में पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए।
सरकार ने जांच के लिए जगदीशन आयोग के गठन की घोषणा की है। चेन्नई में एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन करते हुए हजारों लोगों ने जिला कलेक्ट्रट की घेराबंदी की। इसके बाद हुई कानून-व्यवस्था से संबंधित घटनाएं जांच के दायरे आएंगी। आसपास के जिलों से तूतीकोरिन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा गया है।
मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एम सुंदर और न्यायमूर्ति अनीता सुमंत की पीठ ने पर्यावरण कार्यकर्ता फातिमा बाबू की याचिका पर संयंत्र के प्रस्तावित विस्तार पर रोक लगा दी। पीठ ने केंद्र सरकार को विस्तार योजना पर लोगों से राय आमंत्रित करने के बाद चार महीने के भीतर एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
‘आरएसएस के आगे न झुकने पर तमिलों की हत्या’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि आरएसएस की विचारधारा के सामने ‘झुकने’ से इनकार करने की वजह से तमिलों की हत्या की जा रही है। राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘तमिलों की हत्या की जा रही है क्योंकि वे आरएसएस की विचारधारा के सामने नहीं झुक रहे। आरएसएस और मोदी की गोलियों से तमिल लोगों की भावनाओं को नहीं कुचला जा सकता। तमिल भाइयों-बहनों, हम आपके साथ हैं।’’
द्रमुक ने मांगा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का इस्तीफा
द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने तूतीकोरिन में स्टरलाइट इकाई को लेकर हुई हिंसा पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और पुलिस प्रमुख टी के राजेंद्रन के इस्तीफे की मांग की। अभिनेता और मक्कल निधि मय्यम के अध्यक्ष कमल हासन ने भी तूतीकोरिन में घायलों से मुलाकात की और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जतायी। अभिनेता रजनीकांत ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जतायी है। स्थानीय लोग प्रदूषण संबंधी चिंताओं को लेकर वेदांता ग्रुप के इस तांबा संयंत्र को बंद करने की मांग को लेकर 100 से अधिक दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।
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