कोरोना महामारी के चलते पिछले साल से बंद स्कूलों की पढ़ाई आज भी कई राज्यों में ऑनलाइन क्लासेज के जरिए हो रही है। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्कूलों को फिर से खोलने की मांग को लेकर 12वीं कक्षा का एक छात्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। छात्र ने अपनी याचिका में स्कूल बंद होने के कई नुकसान भी गिनवाए।
दिल्ली सरकार ने पिछले साल से बंद स्कूलों को अभी तक खोलने पर कोई निर्णय नहीं लिया है, जिसके चलते छात्र को सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ा। अमर प्रेम प्रकाश नाम के 12वीं कक्षा के छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर स्कूलों को खोलने की मांग रखी है।
याचिका में कहा गया है कि पिछले साल मार्च अप्रैल से स्कूल बंद है जिसका छात्रों पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ रहा है, कई छात्र तनाव का भी शिकार हो रहे हैं। स्कूलों में चल रहे ऑनलाइन क्लास से पढ़ाई ठीक से नही हो पा रही है। छात्रों का सम्पूर्ण विकास नही हो पा रहा है।
छात्र ने कोरोना संकमण को ध्यान में रखते हुए यह भी कहा है कि राज्य अपने यहां कोरोना सक्रमण के हालत को देखते हुए स्कूल खोलने का निर्णय लें। यह याचिका शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई और इस पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई बाकी है।
याचिका ऐसे समय में दाखिल हुई है जब 11 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 10वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू कर दी गई हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, मध्यप्रदेश और पंजाब प्रमुख हैं। वहीं दिल्ली समेत कई राज्यों को अभी स्कूलों को नियमित रूप से खोलने का फैसला लेना बाकी है।
8 अगस्त को डीडीएमए और दिल्ली सरकार ने कुछ जरूरी शैक्षिक गतिविधियों के 10वीं और 12वीं के छात्रों लिए स्कूलों को खोलने के लिए गाइडलाइन्स जारी किए हैं। हालांकि अभी नियमित कक्षाओं पर फैसला नहीं लिया गया।