नई दिल्ली : सरकार, विश्व बैंक और सरकारी कंपनी ईईएसएल ने देश में ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिये 22 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते और 8 करोड़ डॉलर के गारंटी समझौते पर हस्ताक्षर किये। ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम को लागू करने की जिम्मेदारी ईईएसएल के पास है। यह कार्यक्रम आवासीय और सार्वजनिक क्षेत्रों में ऊर्जा की बचत के लिये उठाये गये कदमों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड को 22 करोड़ डॉलर का ऋण अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (आईबीआरडी) पांच साल के लिये देगी। इसकी परिपक्वता अवधि 19 वर्ष होगी।
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विश्व बैंक और ईईएसएल ने संयुक्त बयान में कहा, भारत सरकार, ईईएसएल और विश्व बैंक ने भारत के ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिये 22 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते और 8 करोड़ डॉलर के गारंटी समझौते पर हस्ताक्षर किये। आर्थिक मामलों के संयुक्त सचिव समीर कुमार खरे ने बयान में कहा, यह कार्यक्रम नई ऊर्जा दक्षता योजनाओं को वित्तपोषण, जागरूकता, तकनीकी एवं क्षमता से जुड़ी समस्याओं से निपटने में मदद करेगा। साथ ही भारत सरकार की उजाला और एसएलएनपी कार्यक्रमों का समर्थन करेगा।