लंदन : यूके हाईकोर्ट ने विजय माल्या को आदेश दिया है कि वह ब्रिटिश ब्रेवरेजेज कंपनी डिआजियो के 13.5 करोड़ डॉलर (945 करोड़ रुपए) चुकाए। कोर्ट ने शुक्रवार को यह फैसला दिया। माल्या को 28 दिन में भुगतान करना होगा। यह मामला डिआजिओ द्वारा माल्या की कंपनी के अधिग्रहण से जुड़ा है। माल्या के वकील ने कहा था कि एग्रीमेंट के वक्त डिआजियो ने मौखिक रूप से भरोसा दिया था कि वह भारत में विवाद सुलझने तक अपनी रकम चुकाने का दावा नहीं करेगा।
कोर्ट ने यह दलील खारिज कर दी। फैसले के वक्त माल्या कोर्ट में मौजूद नहीं था। माल्या के प्रत्यर्पण मामले में 2 जुलाई को यूके हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। एक बार अपील खारिज हो चुकी है। लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने पिछले साल माल्या के प्रत्यपर्ण की इजाजत दी थी।
वहां के गृह सचिव ने भी मंजूरी दे दी जिसके खिलाफ माल्या ने हाईकोर्ट में अपील की थी। माल्या पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। उसकी किंगफिशर एयरलाइंस ने बैंकों से लोन लिया था। माल्या 2016 में लंदन भाग गया।प्रवर्तन निदेशालय देश-विदेश में उसकी संपत्तियां अटैच कर चुका है।
280 करोड़ के भुगतान के मामले में अलग केस चलेगा
डिआजियो ने माल्या, बेटे सिद्धार्थ और परिवार से संबंधित दो कंपनियों पर भुगतान का दावा किया था। डिआजियो ने फरवरी 2016 में माल्या की कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड (यूएसएल) में कंट्रोलिंग हिस्सेदारी खरीदने के लिए रकम चुकाई थी लेकिन वह शेयर एक्सेस नहीं कर पाई।
माल्या की यूएसएल के कुछ शेयर ऋण वसूली प्राधिकरण (डीआरटी) ने कब्जे में ले लिए थे। इसी मामले से जुड़े 4 करोड़ डॉलर (280 करोड़ रुपए) के दावे का केस भी चलेगा। डिआजियो ने माल्या को सीधे यह रकम दी थी। इस तरह उसने माल्या पर कुल 17.5 करोड़ डॉलर चुकाने का दावा किया था।