इजराइल और ईरान के बीच तनाव, लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार - Punjab Kesari
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इजराइल और ईरान के बीच तनाव, लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार

फाइनेंशियल सर्विस और पीएसयू बैंक सेक्टर में बिकवाली

इजराइल और ईरान के बीच तनाव से भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी में क्रमशः 1.10% और 1.12% की गिरावट दर्ज की गई। विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह संघर्ष लंबा खिंचता है, तो आर्थिक परिणाम गंभीर हो सकते हैं। ऑयल डेरिवेटिव सेक्टर पर खासा असर पड़ेगा, जबकि ऑयल प्रोड्यूसर मजबूत बने रहेंगे।

इजराइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ने से शुक्रवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में भारी गिरावट देखी गई। शुरुआती कारोबार में ऑटो, आईटी, फाइनेंशियल सर्विस और पीएसयू बैंक सेक्टर में बिकवाली देखी गई। सुबह करीब 9.33 बजे, सेंसेक्स 896.5 अंक या 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,795.44 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 278.5 अंक या 1.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,609.70 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी बैंक 633.80 अंक या 1.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,448.75 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 603.90 अंक या 1.03 प्रतिशत की गिरावट के बाद 57,836.95 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 192.75 अंक या 1.04 प्रतिशत की गिरावट के बाद 18,272.30 पर था।

विश्लेषकों का मानना है कि अगर ईरान की ओर से हमला और पलटवार किया जाता है और यह लंबा खिंचता है, तो इजरायल के इस हमले के आर्थिक परिणाम गहरे हो सकते हैं। इजरायल ने घोषणा की है कि यह ऑपरेशन आगे कई दिनों तक जारी रहेगा। जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, “बाजार पर प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि यह मौजूदा संघर्ष कितने समय तक जारी रहता है। निकट भविष्य में बाजार रिस्क-ऑफ मोड में रहेगा। एविएशन, पेंट, एडहेसिव और टायर जैसे ऑयल डेरिवेटिव का इस्तेमाल करने वाले सेक्टर को भारी नुकसान होगा। ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसे ऑयल प्रोड्यूसर मजबूत बने रहेंगे।”

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विश्लेषकों के अनुसार, मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के संकेत मिलने की वजह से निफ्टी में कल एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। आज सुबह इजरायल ने ईरान पर हमले शुरू कर दिए हैं और इससे बाजारों में व्यापक आधार पर जोखिम से बचने की प्रवृत्ति देखी जा रही है। एक्सिस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अक्षय चिंचलकर ने कहा, “तकनीकी रूप से, निफ्टी पर, हम चेतावनी दे रहे थे कि बुधवार को ‘बायर रिजेक्शन’ कैंडल का आना, सप्ताह की शुरुआत में बियरिश ‘अपसाइड गैप टू क्रो पैटर्न’ के तुरंत बाद हुआ, जो सावधानी बरतने का संकेत था।”

अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में, डॉव जोन्स 101.85 अंक या 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 42,967.62 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 23.02 अंक या 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 6,045.26 पर बंद हुआ और नैस्डैक 46.61 अंक या 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,662.49 पर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने दूसरे दिन भी अपनी बिकवाली जारी रखी और 12 जून को 3,831.42 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 9,393.85 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।

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