नई दिल्ली : देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर (एचयूएल), ग्लैक्सो स्मिथकलाइन कंज्यूमर हेल्थकेयर (जीएसकेसीएच इंडिया) को 31,700 करोड़ रुपए में खरीदेगी। यह देश के एफएमसीजी सेक्टर में अब तक की सबसे बड़ी डील है। एचयूएल के बोर्ड ने सौदे को मंजूरी दे दी है।
डील के लिए रेग्युलेटर और शेयरधारकों की मंजूरी लेनी पड़ेगी। सौदा 12 महीने में पूरा होने की उम्मीद है। इक्विटी मर्जर पर आधारित इस सौदे के तहत जीएसकेसीएच इंडिया के एक शेयर के बदले एचयूएल के 4.39 शेयर अलॉट किए जाएंगे। इसके बाद एचयूएल में यूनीलीवर की हिस्सेदारी 67.2% से घटकर 61.9% रह जाएगी।
यूनीलीवर, एचयूएल की प्रमोटर कंपनी है। अब जीएसके के न्यूट्रिशन बिजनस के पूरे ऑपरेशन के साथ-साथ उसके सेंसोडाइन जैसे ओरल केयर ब्रैंड्स और ईनो, क्रॉसीन समेत तमाम ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) का डिस्ट्रीब्यूशन कॉन्ट्रैक्ट भी एचयूएल के अधीन आ गया। इस मौके पर एचयूएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा कि जीएसके इंडिया के साथ इस प्रस्तावित रणनीतिक विलय से हम अपने उत्पादों का दायरा बढ़ाएंगें।
अच्छे ब्रांड के साथ हम अपने ग्राहकों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए नयी श्रेणी में कारोबार करेंगे। उन्होंने कहा कि अधिग्रहण के बाद कंपनी के खाद्य एवं पेय कारोबार का आकार 10,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।
145 साल पुराना हॉर्लिक्स फिर से ब्रिटिश कंपनी के पास जाएगा : हॉर्लिक्स को साल 1873 में दो ब्रिटिश भाइयों विलियम हॉर्लिक और जेम्स ने इंग्लैंड में र्इजाद किया था। इसे 1969 में जीएसके ग्रुप को बेच दिया गया था। भारत में इसकी एंट्री पहले विश्व युद्ध के बाद हुई। ब्रिटिश आर्मी के भारतीय सैनिक इसे अपने साथ लाए थे।
यह बच्चों के न्यूट्रिशन ड्रिंक के तौर पर काफी लोकप्रिय हो गया। अब एक बार फिर इस पर ब्रिटिश कंपनी यूनीलीवर का अधिकार हो जाएगा। क्योंकि, हॉर्लिक्स को खरीदने वाली एचयूएल, यूनीलीवर की भारतीय सब्सिडियरी है।