छोटी कंपनियों को मिलेगी राहत! - Punjab Kesari
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छोटी कंपनियों को मिलेगी राहत!

माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद द्वारा गठित मंत्रिस्तरीय दो समितियों की आज बैठकें होंगी। अधिकारियों ने यहां इस

नई दिल्ली : माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद द्वारा गठित मंत्रिस्तरीय दो समितियों की आज बैठकें होंगी। अधिकारियों ने यहां इस बात की जानकारी दी। इनमें से एक समिति सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए जीएसटी पंजीकरण के मामले में कारोबार की न्यूनतम सीमा ऊंची किए जाने तथा दूसरी समिति जीएसटी के तहत ‘‘आपदा उपकर’’ की एक नयी व्यवस्था किए जाने की संभावनाओं पर विचार के लिए बनायी गयी है।

एमएसएमई पर छह सदस्यीय समिति के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला हैं। इस समय सालाना 20 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाली एमएसएमई इकाइयों के लिए माल और सेवाकर का पंजीकरण कराने से छूट मिली हुई है। अधिकारियों के अनुसार यह समिति रविवार की बैठक में नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों के सामने उठ रही परेशानियों पर चर्चा करेगी और पंजीकरण से छूट की सालाना कारोबार की न्यूनतम सीमा को और ऊंचा किए जाने की संभावनाओं पर विचार करेगी। इस समिति का गठन अगस्त में किया गया था।

इसमें बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, असम के वित्त मंत्री हिमंत विश्वशर्मा, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, केरल के वित्त मंत्री थॉमस आइजैक और पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल शामिल हैं। प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत और पुनर्वास आदि कार्यों के लिए जीएसटी प्रणाली के तहत ‘‘आपदा उपकर’’ का प्रावधान किए जाने पर विचार के लिए गठित समिति की अध्यक्षता सुशील मोदी कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने गत अक्तूबर में राज्यों से सुझाव लेने का फैसला किया था कि आपदा के समय क्या राज्य विशेष के स्तर पर या राष्ट्रीय स्तर पर किसी तरह का आपदा-उपकर लगाया जा सकता है।

इस समिति में असम, केरल और पंजाब के वित्त मंत्रियों के अलावा ओडिशा के वित्त मंत्री शशिभूषण बेहरा, महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुंगंतिवार और उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत भी रखे गए हैं। जीएसटी परिषद नयी कर व्यवस्था में सर्वाच्च निर्णायक निकाय है। इसके अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली है। जीएसटी परिषद की अगली बैठक 10 जनवरी को होगी। इसमें निर्माणाधीन मकानों और फ्लैटों पर जीएसटी की दर को 12 से घटा कर 5 प्रतिशत किए जाने के सुझाव पर फैसला किया जा सकता है।

उस बैठक में छोटे आपूर्तिकर्ताओं के लिए एकमुश्त कर योजना और लाटरी पर कर को युक्तिसंगत बनाने पर भी विचार किया जा सकता है। इस समय राज्यों द्वारा आयोजित लाटरी योजनाओं पर 12 प्रतिशत की दर से तथा राज्यों द्वारा अधिकृत लाटरी योजनाओं पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगती है।

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