मुंबई : बीते सप्ताह शेयर बाजारों में गिरावट रही, जिसका मुख्य कारण वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट के साथ पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों को लेकर निवेशकों के मन में जारी आशंका रही। वहीं, पिछले हफ्ते आई तेजी के बाद मुनाफा वसूली के लिए भारी पैमानों पर शेयरों की बिक्री की गई, जिससे घरेलू बाजार में गिरावट रही।
साप्ताहिक आधार पर, सेंसेक्स 521.05 अंकों या 1.44 फीसदी की गिरावट के साथ 35,673.25 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 183.05 अंकों या 1.68 फीसदी की गिरावट के साथ 10,693.70 पर बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 321.86 अंकों या 2.14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 14,717.49 पर बंद हुआ, जबकि बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक 322.51 अंकों या 2.24 फीसदी की गिरावट के साथ 14,104.65 पर बंद हुआ।
सोमवार को शेयर बाजारों की मजबूत शुरुआत हुई और सेंसेक्स 46.70 अंकों या 0.13 फीसदी की तेजी के साथ 36,241 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 7 अंकों या 0.06 फीसदी की तेजी के साथ 10,883.75 पर बंद हुआ। मंगलवार को शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 106.69 अंकों या 0.29 फीसदी की गिरावट के साथ 36,134.31 पर बंद हुआ।
वहीं, निफ्टी 14.25 अंकों या 0.13 फीसदी की गिरावट के साथ 10,869.50 पर बंद हुआ। बुधवार को शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव का दौर रहा और सेंसेक्स 249.90 अंकों या 0.69 फीसदी की गिरावट के साथ 35,884.41 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 86.60 अंकों या 0.80 फीसदी की गिरावट के साथ 10,782.90 पर बंद हुआ।
गुरुवार को शेयर बाजारों में तेज गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 572.28 अंकों या 1.59 फीसदी की गिरावट के साथ 35,312.13 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 181.75 अंकों या 1.69 फीसदी की गिरावट के साथ 10,601.15 पर बंद हुआ। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 361.12 अंकों या 1.02 फीसदी की तेजी के साथ 35,673.25 पर बंद हुआ और निफ्टी 92.55 अंकों या 0.87 फीसदी की तेजी के साथ 10,693.70 पर बंद हुआ।
बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे – हिंदुस्तान यूनीलीवर (3.95 फीसदी), विप्रो (2.88 फीसदी), इंफोसिस (2.18 फीसदी), अडानी पोट्स (2.15 फीसदी) और बजाज-ऑटो (1.57 फीसदी)। सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे – सन फार्मा (16.45 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (8.80 फीसदी), टाटा मोटर्स (5.52 फीसदी), टाटा मोटर्स डीवीआर (5.11 फीसदी) और मारुति (4.57 फीसदी)। राजनीतिक मोर्चे पर, पांच राज्यों में हुए विधानसभा के नतीजों का असर अगले साल आम चुनावों पर भी देखने को मिलेगा।
आर्थिक मोर्चे पर, देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर में जुलाई-सितंबर की अवधि में गिरावट दर्ज की गई है, जोकि 7.1 फीसदी रही, जबकि इसकी पिछली तिमाही में यह 8.2 फीसदी थी।