पुरानी सोना बेचकर नया सोना खरीदना GST से बाहर - Punjab Kesari
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पुरानी सोना बेचकर नया सोना खरीदना GST से बाहर

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जहाँ एक तरफ 1 जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू हो चूका है जिससे सोने की पुरानी ज्वैलरी को पैसे या नई ज्वैलरी बनवाने के लिए बेचने पर क्या असर पड़ेगा? भारत में सोने की ज्वैलरी की खरीद को देखते हुए ऐसे बहुत से लोग हैं जो इन अफवाहों से परेशान हो रहे है कि अब वह पुराने सोने की ज्वैलरी को बेचना चाहेंगे तो उन्हें जीएसटी के दायरे में ले लिया जाएगा या नहीं |

 

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इस अफवाह का असर सोना कारोबारियों पर भी पड़ रहा है क्योकि इससे उनके कारोबार पर बहुत असर पड़ रहा है | बताया जाता है की जीएसटी लागू होने के बाद सोने पर 3 फीसदी जीएसटी और ज्वैलरी मेकिंग चार्ज पर 5 फीसदी का लेवी लगेगा | ग्राहकों और दुकानदारों में डर था कि ज्वैलर को पुरानी ज्वैलरी ग्राहक से खरीदने पर 3 फीसदी की दर से जीएसटी वसूलना होगा |

 

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लिहाजा, यदि कोई ग्राहक 1 लाख रुपये की कीमत की पुरानी ज्वैलरी को बेचता है, उस ट्रांजैक्शन से 3 फीसदी की दर से 3,000 रुपये बतौर जीएसटी काट लिया जाएगा | इससे प्रति ट्रांजैक्शन ग्राहकों को अपने सोने के बदले कम कीमत मिलेगी | लेकिन, देश में सोने की पुरानी ज्वैलरी की खरीद को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई दी है कि अफवाह है कि पुराने सोने की ज्वैलरी को बेचने पर किसी तरह का जीएसटी लगाया जाएगा |

 

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जेटली ने लोगों की सोने के प्रति प्रेम को देखते हुए कहा कि पुरानी ज्वैलरी पर सीजीएसटी एक्ट, 2017 का सेक्शन 9(4) नहीं लगेगा | वित्त मंत्री अरुण जेटली की सफाई से साफ है कि ज्वैलरी कारोबारियों को ग्राहकों से पुरानी ज्वैलरी के लिए कोई टैक्स नहीं लिया जायेगा क्योंकि यह ट्रांजैक्शन जीएसटी से बाहर है | गौरतलब है कि वित्त मंत्री को इस मुद्दे पर इसलिए सफाई देनी पड़ी क्योंकि एक दिन पहले रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने जीएसटी समझाते हुए कहा था कि पुरानी ज्वैलरी खरीदने पर ज्वैलर्स को 3 फीसदी टैक्स देना होगा.

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