राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल यातायात में 146 मिलियन टन की रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने जलमार्गों के विकास के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया। जलवाहक कार्गो प्रोत्साहन योजना और नए राष्ट्रीय जलमार्ग विनियमों से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। जलवाहक कार्गो प्रोत्साहन योजना को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए NW-1, NW-2 और NW-16 पर कार्गों की सेवाओं को शुरू किया गया है। 2025 तक माल का यातायत राष्ट्रीय जलमार्गों पर 18.10 मीट्रिक टन से बढ़कर 145.5 मीट्रिक तक पहुंच गया है।
राष्ट्रीय जलमार्गों से दूसरे देशों से माल का आयात निर्यात किया जाता है। इस आवाजाही को सुचारु रुप से चलाने के लिए और बेहतर सुधार करने के लिए कई मह्तवपूर्ण कदम उठाए जा रहे है। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय जलमार्गों पर बुनियादी ढांचे के विकास में निजी निवेश को आमंत्रित करने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) द्वारा विकसित एक समर्पित डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया है। बता दें कि इससे पहले 2024 वर्ष दिसंबर में जलवाहक कार्गो प्रोत्साहन योजना को लागू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य कार्गो के मालिकों को प्रोस्साहित करना, परिचालन व्यय के 35% करना का लक्ष्य रखा गया।
145.5 मीट्रिक तक पहुंचा
बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि वर्ष 2014 से वर्ष 2025 तक माल का यातायत राष्ट्रीय जलमार्गों पर 18.10 मीट्रिक टन से बढ़कर 145.5 मीट्रिक तक पहुंच गया है। इस यातायात से CAGR 20.86% दर्ज की गई है। जलवाहक कार्गो प्रोत्साहन योजना को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए NW-1, NW-2 और NW-16 पर कार्गों की सेवाओं को शुरू किया गया है। जिससे IWT मोड में 800 मिलियन टन-किलोमीटर कार्गो को बदला जा सकता है।
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जलमार्गों को आर्थिक विकास
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में, IWAI ने अंतर्देशीय जलमार्गों को आर्थिक विकास के एक शक्तिशाली इंजन में बदल दिया है। जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में 18 मिलियन टन से 133 मिलियन टन तक कार्गो की आवाजाही में वृद्धि से स्पष्ट है। नए राष्ट्रीय जलमार्ग विनियम, 2025, निजी निवेश को प्रोत्साहित करके, प्रक्रियात्मक दक्षता में सुधार करके और सतत, डिजिटल रूप से संचालित विकास को आगे बढ़ाकर इस गति को और तेज़ करेंगे।
नए नियम स्थायी और अस्थायी दोनों टर्मिनलों मौजूदा या नए को एकीकृत ढांचे के तहत लाते हैं। स्थायी टर्मिनल आजीवन संचालित हो सकते हैं, जबकि अस्थायी टर्मिनलों की शुरुआती अवधि पाँच साल होगी जिसमें विस्तार के प्रावधान होंगे। इस सुव्यवस्थित दृष्टिकोण का उद्देश्य निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करना और अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्र में सतत, विकास-संचालित विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करना है।