प्याज के बढ़ते दामों पर लगेगा अंकुश - Punjab Kesari
Girl in a jacket

प्याज के बढ़ते दामों पर लगेगा अंकुश

NULL

नई दिल्ली: सरकार ने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 850 डालर प्रति टन तय कर दिया। सरकार के इस कदम से घरेलू बाजार में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने और इसके बढ़ते दाम पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। प्याज का निर्यात अब 850 डालर प्रति टन से कम दाम पर नहीं किया जा सकेगा। सरकार ने इससे पहले दिसंबर 2015 में प्याज का एमईपी खत्म कर दिया गया था। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, प्याज का निर्यात 31 दिसंबर 2017 तक केवल साख पत्र (एलसी) के जरिये 850 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) पर किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि प्याज की सभी किस्म के निर्यात के अनुमति साख पत्र पर ही दी जायेगी।

प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंतित उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने अगस्त में वाणिज्य मंत्रालय से इसके निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य रखने की मांग की थी। उन्होंने प्याज निर्यात पर दी जाने वाली दूसरी सहायताओं को भी समाप्त करने को कहा था। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में देश से बड़ी मात्रा में प्याज का निर्यात होने से घरेलू बाजार में इसकी आपूर्ति घट गई थी। भारत ने इस साल अप्रैल-जुलाई की अवधि में 12 लाख टन प्याज का निर्यात किया जो पूर्व वर्ष के मुकाबले 56 प्रतिशत अधिक रहा। इसके अलावा वर्ष 2017-18 की प्याज की नयी खरीफ फसल के भी कम रहने की उम्मीद है जिसे अभी खेत से निकाला जा रहा है। बुवाई का रकबा कम रहने के कारण इसकी उपलब्धता कम आंकी जा रही है।

हाल में उपभोक्ता मामले विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि खरीफ में प्याज की फसल 10 प्रतिशत कम रहने की संभावना है क्योंकि इसके बुवाई के रकबे में 30 प्रतिशत की कमी रही। देश में प्याज उत्पादन का करीब 40 प्रतिशत उत्पादन खरीफ सत्र में होता है और शेष प्याज उत्पादन रबी सत्र में होता है। हालांकि, खरीफ प्याज फसल का भंडारण नहीं किया जा सकता है। प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार और गुजरात शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।