जीएसटी चोरी पर लगेगी लगाम - Punjab Kesari
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जीएसटी चोरी पर लगेगी लगाम

जीएसटी चोरी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी और ऐसे निहित स्वार्थी तत्वों पर लगाम लग सकेगी जो

नई दिल्ली : राजस्व विभाग ई-वे बिल को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की फास्टैग प्रणाली और डीएमआईसीडीसी की लाजिस्टिक्स डेटा बैंक (एलडीबी) सविर्सिज के साथ जोड़ने की योजना बना रही है। इससे जीएसटी चोरी रोकने के साथ साथ माल परिवहन को और सुगम बनाया जा सकेगा।

अधिकारियों के अनुसार इस प्रस्ताव से देशभर में माल के आवागमन में और तेजी आयेगी और इससे जुड़ी तमाम सेवाओं (लाजिस्टिक्स) का कारोबार बढ़ेगा। वर्तमान में यह काम अलग अलग एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है जिनके बीच में कोई तालमेल नहीं है। इससे कारोबार में सुगमता प्रभावित हो रही है साथ ही इसका कंपनियों की लाजिस्टिक्स लागत पर भी असर पड़ रहा है।

एक अधिकारी ने बताया, प्रस्ताव पर राजस्व विभाग काम कर रहा है। इस पर यदि अमल होता है तो जीएसटी चोरी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी और ऐसे निहित स्वार्थी तत्वों पर लगाम लग सकेगी जो कि समूची आपूर्ति श्रंखला की खामियों का लाभ उठाते हैं। जीएसटी व्यवस्था के अमल में आने के बाद देश में माल परिवहन के लिये ई-वे बिल व्यवसथा को एक अप्रैल 2018 से शुरू किया गया।

इस व्यवस्था के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य में पचास हजार रुपये से अधिक का माल भेजने के लिये ई-वे बिल लेना जरूरी है। किसी एक राज्य के भीतर माल परिवहन के लिये ई-वे बिल को अनिवार्य बनाने की व्यवसथा 15 अप्रैल से विभिन्न चरणों में शुरू की गई। एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रहण के लिये फास्टैग इलेक्ट्रानिक प्रणाली स्थापित की है।

इससे ट्रकों और दूसरे वाहनों को टोल प्लाजा पर शुल्क भुगतान के लिये रुकना नहीं पड़ता है। ई-वे बिल को फास्टैग प्रणाली के साथ जोड़ने के बाद राजस्व विभाग के लिये माल परिवहन की निगरानी और कर चोरी पर नजर रखना अधिक बेहतर हो जायेगा।

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