नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एरिक्सन-आरकॉम विवाद में सोमवार को रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी और आरकॉम को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने एरिक्सन की ओर से दायर अवमानना याचिका पर अनिल अंबानी से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। एरिक्सन ने शुक्रवार को याचिका दायर करने की जानकारी दी थी। आरकॉम पर एरिक्सन के 550 करोड़ रुपए बकाया हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आरकॉम को 15 दिसंबर तक रकम चुकानी थी लेकिन वह भुगतान नहीं कर पाई।
एरिक्सन का कहना है कि यह कोर्ट की अवमानना है। आरकॉम के वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि फिलहाल 118 करोड़ रुपए का भुगतान स्वीकार किया जाए। लेकिन, एरिक्सन के वकील ने इससे इनकार कर दिया और कहा कि पूरी रकम जमा करवाई जाए।
कोर्ट ने आरकॉम को निर्देश दिया कि 118 करोड़ रुपए का डिमांड ड्राफ्ट जमा करवा दिया जाए। एरिक्सन ने अनिल अंबानी और आरकॉम से जुड़े 2 अन्य लोगों को भुगतान किए जाने तक सिविल जेल में रखने की अपील भी की है। एरिक्सन चाहती है कि अनिल अंबानी, रिलायंस टेलीकॉम के चेयरमैन सतीश सेठ और रिलायंस इन्फ्राटेल की चेयरपर्सन छाया विरानी को विदेश जाने से रोकने के लिए अदालत गृह मंत्रालय को निर्देश जारी करे।
आरकॉम ने रविवार को कहा था कि एरिक्सन मीडिया ट्रायल की कोशिश कर रही है और मामले को बढ़ा-चढ़ा कर बता रही है। आरकॉम ने कहा कि वह जियो के साथ डील से मिलने वाली रकम से एरिक्सन का बकाया चुकाने के लिए प्रतिबद्ध है। जियो से डील के लिए सरकार की मंजूरी नहीं मिल रही।
न्यायालय में जमा किए 131 करोड़
रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने स्वीडन की दूरसंचार उपकरण कंपनी एरिक्सन के 550 करोड़ रुपये के बकाये के एक हिस्से के भुगतान के लिए उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री में 131 करोड़ रुपये जमा किए हैं। उच्चतम न्यायालय ने आरकॉम को आंशिक भुगतान का निर्देश दिया था।
एरिक्सन ने अनिल अंबानी और दो अन्य के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दायर की है। आरकॉम के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि आरकॉम ने उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री में 131 करोड़ रुपये जमा किए हैं। कंपनी ने अपने परिचालन के लिए रखे धन में यह यह रकम जामा की है।