नई दिल्ली : देश में एक करोड़ रुपये से अधिक की घोषित आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या 81,000 से भी अधिक हो गई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन साल में ‘करोड़पति क्लब’ वाले ऐसे करदाताओं की संख्या में 68 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आयकर विभाग के नीति बनाने वाले निकाय सीबीडीटी ने आयकर और प्रत्यक्ष कर के महत्वपूर्ण सांख्यिकी आंकड़े जारी करते हुए कहा कि आकलन वर्ष 2014-15 में एक करोड़ रुपये से अधिक की आय दिखाने वाले व्यक्तिगत आयकरदाताओं की संख्या 48,416 थी।
यह 2017-18 तक 68 प्रतिशत बढ़कर 81,344 पर पहुंच गई। इसी तरह सीबीडीटी की इस रपट के अनुसार, ‘‘एक करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक आय वाले कुल करोड़पति करदाताओं (कंपनियों, फर्में, हिंदू अविभाजित परिवार और व्यक्तिगत करदाता) की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है।’’ इस दौरान उनकी संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कुल करदाताओं की संख्या (कॉरपोरेट, फर्में, हिंदू अविभाजित परिवार और अन्य) की संख्या में तीन साल में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है।
ईमानदार कर चुकाने वाले करदाताओं को सम्मानित करने की नीति बना रही है सरकार
सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि यह आंकड़ा पिछले कुछ साल के दौरान कर विभाग द्वारा किए गए विधायी , सूचनाओं के प्रसार और प्रवर्तन/ अनुपालन के प्रयासों की वजह से हासिल हो पाया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान विभाग ने प्रौद्योगिकी आधारित कर चोरी रोकने के कई कदम उठाए हैं।