नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी का एकल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2018-19 की मार्च तिमाही में 48.70 प्रतिशत उछलकर 4,350.32 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसका मुख्य कारण खर्च में कमी आना है। कंपनी ने एक बयान में शनिवार को कहा कि 2017-18 की समान तिमाही में उसे एकल आधार पर 2,925.59 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। आलोच्य अवधि के दौरान एनटीपीसी की कुल आय 23,617.83 करोड़ रुपये से कम होकर 22,545.61 करोड़ रुपये पर आ गयी।
लेकिन इसके साथ ही कंपनी का कुल खर्च भी 20,229.26 करोड़ रुपये से घटकर 19,008.44 करोड़ रुपये पर आ गया। पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी का एकल शुद्ध मुनाफा 2017-18 के 10,343.17 करोड़ रुपये से 13.60 प्रतिशत बढ़कर 11,749.89 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कुल आय भी 85,207.95 करोड़ रुपये से बढ़कर 92,179.56 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी। कंपनी निदेशक मंडल ने शेयरधारकों को 2018-19 के लिये 10 रुपये अंकित मूल्य के प्रति शेयर पर 2.50 रुपये का अंतिम लाभांश देने की सिफारिश की है।
निदेशक मंडल के इस फैसले पर अगस्त 2019 में होने वाली सालाना आम बैठक में शेयरधारकों से मंजूरी ली जायेगी। इससे पहले कंपनी 2018-19 के लिये फरवरी महीने में प्रति शेयर 3.58 रुपये के अंतरिम लाभांश का भी भुगतान कर चुकी है। यह लगातार 26वां साल है जब कंपनी ने लाभांश का भुगतान किया है। वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी का सकल बिजली उत्पादन 2017-18 के 294.27 अरब यूनिट की तुलना में बढ़कर 305.90 अरब यूनिट पर पहुंच गया।
इस दौरान औसत विद्युत शुल्क भी बढ़कर 3.38 रुपये प्रति यूनिट हो गया। हालांकि मार्च तिमाही के दौरान कंपनी के कोयले से चलने वाले बिजलीघरों की उपयोग क्षमता एक साल पहले के 79.03 प्रतिशत से घटकर 77.58 प्रतिशत पर आ गई।