अब जूट की बोरियों में ही करनी होगी अनाज की पैकेजिंग - Punjab Kesari
Girl in a jacket

अब जूट की बोरियों में ही करनी होगी अनाज की पैकेजिंग

सरकार ने सभी अनाजों की शत प्रतिशत पैकेजिंग में जूट की बोरियों का इस्तेमाल अनिवार्य करने के प्रस्ताव

नई दिल्ली : सरकार ने सभी अनाजों की शत प्रतिशत पैकेजिंग में जूट की बोरियों का इस्तेमाल अनिवार्य करने के प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय किया गया।

आधिकारिक बयान में कहा गया, सीसीईए ने 100 प्रतिशत अनाज और 20 प्रतिशत चीनी की पैकिंग अनिवार्य रूप से अलग-अलग बोरियों में करने की मंजूरी दी है। सरकार के इस कदम से जूट पैकेजिंग सामग्री (जेपीएम) अधिनियम, 1987 का दायरा बढ़ेगा। इससे पहले 90 प्रतिशत अनाज और 20 प्रतिशत चीनी को बोरियों में पैक करना अनिवार्य था।

बयान में कहा गया है कि आरंभ में खाद्यान्न की पैकिंग के लिए बोरियों के 10 प्रतिशत ऑर्डर रिवर्स नीलामी के जरिए ‘जेम पोर्टल’ पर दिए जाएंगे। इससे धीरे-धीरे कीमतों में सुधार का दौर शुरू हो जाएगा।

जूट उद्योग के विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस निर्णय से उद्योग के विकास को बढ़ावा मिलेगा, कच्चे जूट की गुणवत्ता एवं उत्पादकता बढ़ेगी, जूट क्षेत्र का विविधीकरण होगा और इसके साथ ही जूट उत्पाद की मांग बढ़ेगी। सरकार की ओर से उठाया गया है यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है।

लगभग 3.7 लाख कामगार और कृषि क्षेत्र से जुड़े लाखों परिवार अपनी आजीविका के लिए जूट क्षेत्रों पर ही निर्भर है, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार निरंतर ठोस प्रयास करती रही है। उद्योग मुख्य रूप से सरकारी क्षेत्र पर ही निर्भर है, जो खाद्यान्न की पैकिंग के लिए हर साल 6500 करोड़ रुपये से भी अधिक कीमत की जूट बोरियां खरीदता है।

ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि जूट उद्योग के लिए मुख्य मांग निरंतर बनी रही और इसके साथ ही इस क्षेत्र पर निर्भर कामगारों एवं किसानों की आजीविका में आवश्यक सहयोग देना संभव हो सके। इस निर्णय से पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम, आंध्र प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा में रहने वाले किसान एवं कामगार लाभान्वित होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।