मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) शब्द यूएस की देन है। कहा जाता है कि यहां के माफिया गलत तरीकों से जो धन कमाया था उसे कई तरीकों से लीगल मनी बनाते थे और यहीं से नाम आया मनी लॉन्ड्रिंग। यानी पैसों की सफाई या धुलाई। काले धन को सफेद करने के लिए इसका सहारा लिया जाता है। माफियाओं से शुरू हुआ ये तरीका आज बिजनेसमैन, राजनेता और नौकरशाह भी इस्तेमाल करते हैं। जो आदमी धन की हेराफेरी करता है उसे लॉन्डरर कहा जाता है। इस कारनामे को कई तरीकों से अंजाम दिया जाता है।
जानें क्या होती है मनी लॉन्ड्रिंग
मनी लॉन्ड्रिंग एक आर्थिक अपराध है, जिसमें अवैध तरीके से कमाए गए काले धन को वैध तरीके से कमाए गए पैसों के रूप में दिखाए जाने की कोशिश की जाती है। मनी लॉन्ड्रिंग एक तरह से अवैध तरीके से मिली रकम को छुपाने का एक तरीका भी है। मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए कालेधन को ऐसे कामों लगाया या निवेश किया जाता है, जहां जांच करने वाली एजेंसियां भी इस धन के मुख्य सोर्स का पता नहीं लगा पाती हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के काले कारोबार में जो व्यक्ति धन की हेरा फेरी करता है उसको “लाउन्डरर” कहा जाता है। मनी लॉन्ड्रिंग में काला धन सफेद होकर असली मालिक के पास वैध मुद्रा के रूप में लौट जाता है।
कालेधन को करते हैं सफेद
मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल लोग अलग-अलग तरीकों से पैसों की हेराफेरी करते हैं। इसके लिए वे चार्टेड अकाउंटेंट की मदद भी लेते हैं कि काले धन को कहां, कैसे, किसके नाम पर निवेश करना है। इस दौरान ऐसे डॉक्युमेंट्स तैयार किए जाते हैं जिसे सरकार और जांच एजेंसी पकड़ नहीं पाए। मनी लॉन्ड्रिंग के इस खेल में शेल कंपनियां बनाई जाती हैं, जो सिर्फ कागज पर ही होती हैं। इनकी आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग के गोरखधंधे को अंजाम दिया जाता है।
(News Agency)