नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने वर्तमान में प्राम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) के तहत बाकी बचे छह सरकारी बैंकों से सात पैरामीटर्स पर सुधार करने को कहा है ताकि पीसीए फ्रेमवर्क से बाहर निकलने में उन्हें सरकार का समर्थन प्राप्त हो सके। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि हमने इन बैंकों से ब्याज मार्जिन (एआईएम्स), सीएएसए (करेंट एकाउंट सेविंग्स एकाउंट), आरडब्ल्यूए (रिस्क वेटेड एसेट्स), एनपीए मान्यता, विचलन (कर्ज पहचान में असमानता), परिचालन मुनाफा और गैर-कोर परिसंपत्तियों की बिक्री में सुधार करने के लिए कहा है, ताकि पीसीए से बाहर निकलने के लिए वे हमारा समर्थन प्राप्त कर सकें।
इससे पहले एक वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा था कि अगली दो तिमाहियों में या जून तक सभी छह बैंकों के पीसीए से बाहर निकलने की उम्मीद है। पिछले साल कुल 11 बैंकों को पीसीए के अंदर रखा गया था, जिसमें से तीन बैंक पहले ही इससे बाहर आ चुके हैं, जबकि दो बैंकों को एक मजबूत बैंक के साथ विलय कर दिया गया है।