नई दिल्ली : इंफोसिस ने सोमवार को कहा कि पहली नजर में उसके शीर्ष प्रबंधन पर व्हिसिलब्लोअर समूह द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि के लिए उसे कोई सामक्ष नहीं मिला है। यह आरोप कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के एक समूह ने लागया है। उनका कहना है कि इंफोसिस के शीर्ष अधिकारी अल्प अवधि में कंपनी की लागत कम दिखा कर उसके वित्तीय परिणामों को चमकाने के अनैतिक कार्य में लिप्त है।
कंपनी ने कहा है कि इस आरोप की पुष्टि के लिए अभी उसे सबूत नहीं मिले हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में इंफोसिस ने कहा, ‘‘अज्ञात शिकायत (उसके मुख्य कार्यकारी और मुख्य वित्त अधिकारी के खिलाफ) के संबंध में प्रथम दृष्टया ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला जिसके आधार पर कंपनी इन आरोपों की पुष्टि कर सके।’’ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने 24 अक्टूबर को कंपनी से व्हिसिलब्लोअर समूह के आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा था।
सीईओ पर आरोप- मुनाफा बढ़ाने के लिए अनैतिक तरीका अपनाया: इंफोसिस ने 21 अक्टूबर को बताया था कि सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलंजन रॉय पर अज्ञात कर्मचारियों ने अकाउंटिंग में अनैतिक तरीका अपनाने के आरोप लगाए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। आरोपों के मुताबिक पारेख और रॉय ने कंपनी का रेवेन्यू और मुनाफा बढ़ाने के लिए गलत तरीके अपनाए।