वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का जैविक उत्पादन 35% बढ़कर 5,710 करोड़ रुपये के निर्यात तक पहुंच गया है। चाय, मसाला, तिलहन और अनाज के निर्यात में वृद्धि के कारण यह उछाल देखा गया है। सरकार ने ऑर्गेनिक इंडिया ब्रांड को पुनः स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि जैविक उत्पादों के निर्यात में लगातार वृद्धि होना दर्शाती है कि वैश्विक स्तर पर मांग बढ़ रही है।
भारत का जैविक उत्पादन 2024-25 वर्ष में तेजी से बढ़ा है। सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में जैविक उत्पादन 35 प्रतिशत बढ़ा है। अब जैविक उत्पादन का निर्यात लगभग 5,710 करोड़ रुपये हो गया है। बता दें कि पिछले वर्ष 2023-24 में यह 494.80 मिलियन डॉलर तक रहा था। जैविक उत्पादन का निर्यात में बढ़ोतरी का मुख्य कारण चाय, मसाला, तिलहन, अनाज के निर्यात में वृद्धि है। सभी खाद्य पदार्थों में वृद्धि लगभग 41 प्रतिशत बढ़ी है।
जैविक उत्पादों के निर्यात में वृद्धि
सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि जैविक उत्पादों के निर्यात में लगातार वृद्धि होना दर्शाती है कि वैश्विक स्तर पर मांग बढ़ रही है। साथ ही ऑर्गेनिक इंडिया’ ब्रांड को दोबारा से स्थापित करने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाने पर जोर दिया है।
मार्च में खुदरा महंगाई दर 3.34 प्रतिशत पर, 2019 के बाद सबसे निचला स्तर
चावल और बाजरा का निर्यात
वर्ष 2025 में चावल और बाजरा के निर्यात में भी वृद्धि हुई है। 2024 वर्ष में चावल और बाजरा का निर्यात 86.66 मिलियन डॉलर था लेकिन 2025 में यह बढ़कर 161.67 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। असम में सबसे ज्यादा चायपत्ती का उत्पादन होता है। 2025 में इस उत्पादन का निर्यात 45.13 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है और मसालों का निर्यात भी तेजी से बढ़ा है। 2025 में 36.20 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
पीयूष गोयल का बयान
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने NPOP के आठवें संस्करण का शुभारंभ किया इस दौरान पीयूष गोयल ने कहा कि आगामी तीन वर्षों तक जैविक उत्पादों का निर्यात का लक्ष्य 20 हजार करोड़ तक बढ़ाने का है। लक्ष्य को साधने के लिए FPO और कृषि और वाणिज्य मंत्रालय कौशल विकास के साथ संयुक्त काम करके समर्थन दिया है।