Indian GDP: इस साल की दूसरी तिमाही के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी में ग्रोथ रेट फिसल गया है। पिछले साल इसी तिमाही में यह 8.1 फीसदी था जो कि इस साल घट कर 5.4 फीसदी रह गया है। अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि यह कंजप्शन में कमी तथा कुछ अन्य कारकों की वजह से है।
GDP में आई तेज गिरावट
केंद्र सरकार ने सितंबर तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर के आंकड़े जारी कर दिए हैं। जारी वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर गिरकर 5.4 फीसदी पर आ गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही जीडीपी ग्रोथ रेट 8.1 परसेंट थी। जबकि इससे पिछली तिमाही में यह 6.7 फीसदी रही थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह आंकड़े नेशनल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस की ओर से जारी किए जाते हैं। हालांकि, सर्विस सेक्टर की ग्रोथ में इजाफा हुआ है।
पहली छमाही में 6.7% की वृद्धि
निजी उपभोग पर खर्च (PFCE) ने दूसरी तिमाही में 6.0% और पहली छमाही में 6.7% की वृद्धि दिखाई, जो पिछले वर्ष की कम दरों (2.6% और 4.0%) से बेहतर है। सरकारी उपभोग पर खर्च (GFCE) ने 4.4% की वृद्धि के साथ रिकवरी दिखाई, जबकि पिछली तीन तिमाहियों में इसमें न्यूनतम या नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई थी।
किस सेक्टर में कैसी रही ग्रोथ
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने 2.2 फीसदी की दर से वृद्धि की है। माइनिंग में 0.1 फीसदी की गिरावट है। एग्रीकल्चर और उससे संबंधित सेक्टर में 3.5 फीसदी की तेजी है। कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में 7.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है. सर्विस सेक्टर 7.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ा है. इसमें ट्रेड, होटल्स, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन और ब्रॉडकास्टिंग में 6 फीसदी की वृद्धि हुई है।