पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत का तेजी से बढ़ता खिलौना उद्योग वैश्विक खिलौना बाजार में एक बड़ा हिस्सा हासिल करने के लिए तैयार है, जिसे लेकर अनुमान है कि यह 2032 तक 179.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि खिलौना उद्योग में वृद्धि स्किल डेवलपमेंट, टेक्नोलॉजी अडॉप्शन, क्वालिटी सुधार के साथ-साथ सरकार के सहयोग की वजह से देखी जा रही है।
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यह व्यापार के आंकड़ों में दिखाई देता है, जो दर्शाता है कि भारत का खिलौना आयात वित्त वर्ष 2018-19 में 304 मिलियन डॉलर से 79 प्रतिशत तक घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में 65 मिलियन डॉलर हो गया है। इस बीच, इसी अवधि के दौरान निर्यात में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 109 मिलियन डॉलर से बढ़कर 152 मिलियन डॉलर हो गया है। नतीजतन, भारत खिलौनों का शुद्ध निर्यातक बन गया है।
हाल के वर्षों में घरेलू विनिर्माण को मजबूत करने में सरकारी नीति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और केंद्रीय बजट 2025-26 में खिलौना उद्योग के लिए नेशनल एक्शन प्लान की घोषणा इस क्षेत्र के महत्व को दर्शाती है।
एक्शन प्लान का उद्देश्य खिलौना उद्योग को क्लस्टर डेवलपमेंट, स्किल को बढ़ाने और ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड के तहत हाई-क्वालिटी वाले खिलौनों के उत्पादन के लिए एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम बनाने के जरिए बढ़ावा देना है। रिपोर्ट बताती है कि 2020 में क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (क्यूसीओ) के कार्यान्वयन ने खिलौनों के लिए सख्त गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित किया।
रिपोर्ट उद्योग के अनुमानों के अनुरूप है, जो दिखाते हैं कि उद्योग का वर्तमान बाजार आकार 1.7 बिलियन डॉलर है और 10.5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर के साथ इसके 2032 तक 4 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।