अप्रैल 2025 में भारत का निर्यात 12.7% बढ़कर 73.80 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि आयात 15.7% की वृद्धि के साथ 82.45 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस वृद्धि ने व्यापार घाटे को 50% बढ़ाकर 8.65 अरब डॉलर कर दिया।
भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ आयात निर्यात में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में भारत का कुल निर्यात 73.80 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँच गया, जो पिछले साल इसी महीने के 65.48 बिलियन अमरीकी डॉलर से 12.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि आयात और भी तेज़ गति से बढ़ा है, अप्रैल 2025 में कुल आयात बढ़कर 82.45 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जो अप्रैल 2024 में 71.25 बिलियन अमरीकी डॉलर से 15.7 प्रतिशत की वृद्धि है।
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वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि हम 2024-25 में 825 बिलियन अमरीकी डॉलर के निर्यात के आंकड़े तक पहुँच गए हैं, जो अब तक का सबसे बड़ा निर्यात है। इससे पता चलता है कि भारतीय निर्यात और निर्यातकों ने अब अपने व्यवसाय में वह लचीलापन हासिल कर लिया है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, निर्यात और आयात में अंतर के कारण, भारत का कुल व्यापार घाटा चालू वर्ष में बढ़कर 8.65 अरब डॉलर हो गया। यह एक साल पहले के 5.77 अरब डॉलर से 50 फीसदी की जबरदस्त तेजी है।
बता दें कि मार्च में व्यापार घाटा बढ़कर 21.54 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जो फरवरी में तीन साल के निचले स्तर 14.05 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक था। भारत के सभी निर्यात (माल और सेवाएँ) ने भी मार्च 2025 में स्थिर वृद्धि दर्ज की है, जिसमें निर्यात और आयात दोनों में साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की गई है। आधिकारिक डेटा के अनुसार कुल निर्यात मार्च 2024 में बढ़कर 73.61 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जो मार्च 2024 में 71.71 बिलियन अमरीकी डॉलर था।