‘आइडिया-वोडा’ विलय को मंजूरी जल्द - Punjab Kesari
Girl in a jacket

‘आइडिया-वोडा’ विलय को मंजूरी जल्द

सिन्हा ने कहा दूरसंचार मंत्री मनोज विभाग की सभी सांविधिक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद आइडिया-वोडाफोन विलय को

नई दिल्ली : सरकार ने स्पष्ट किया है कि दूरसंचार विभाग द्वारा सभी सांविधिक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही आइडिया-वोडाफोन के विलय सौदे को मंजूरी दी जाएगी। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने विलय एवं अधिग्रहण के नियम तय किए हैं। विभाग की सभी सांविधिक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद एक दिन की देरी के बिना आइडिया वोडाफोन विलय को मंजूरी दे दी जाएगी। आइडिया और वोडाफोन दोनों इस विलय सौदे के 30 जून, 2018 तक पूरा होने की उम्मीद कर रही थीं। इससे देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी अस्तित्व में आएगी। इस सौदे को पहले जून के मध्य तक मंजूरी दी जानी थी, लेकिन दूरसंचार विभाग वोडाफोन से नए सिरे से 4,700 करोड़ रुपये की कर मांग पर विचार कर रहा है।

सूत्रों ने कहा कि विभाग इसके बाद ही सौदे को मंजूरी देगा। वर्ष 2015 में वोडाफोन ने अपनी चार अनुषंगियों वोडाफोन ईस्ट, वोडाफोन साउथ, वोडाफोन सेल्युलर और वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज का विलय किया था, जिसे अब वोडाफोन इंडिया कहा जाता है। दूरसंचार विभाग ने उस समय वोडाफोन से 6,678 करोड़ रुपये का ओटीएससी का बकाया चुकाने को कहा था, जिसे कंपनी ने अदालत में चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद वोडाफोन ने 2,000 करोड़ रुपये जमा किए थे।

दूरसंचार विभाग चाहता है कि आइडिया में विलय से पहले वोडाफोन शेष बकाया राशि भी चुकाये। यह मांग 2,100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी के अतिरिक्त है, जो दूरसंचार विभाग आइडिया से एकबारगी स्पेक्ट्रम शुल्क के रूप में वसूलना चाहता है। विलय के बाद बनने वाली प्रस्तावित इकाई का नाम वोडाफोन आइडिया लि. होगा। इसके लिए आइडिया के शेयरधारकों से मंजूरी ली जाएगी। पहले दिन से इस इकाई के मोबाइल ग्राहकों की संख्या 40 करोड़ होगी। कंपनी के पास बाजार के कुल राजस्व में 41 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।