'मुझे सच में खेद है', जॉब कोटा विवाद में PhonePe के CEO ने बिना शर्त मांगी माफी 'I Am Really Sorry', PhonePe CEO Apologises Unconditionally In Job Quota Controversy
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‘मुझे सच में खेद है’, जॉब कोटा विवाद में PhonePe के CEO ने बिना शर्त मांगी माफी

PhonePe के संस्थापक और CEO समीर निगम ने रविवार को कर्नाटक के ड्राफ्ट जॉब रिजर्वेशन बिल के बारे में अपनी टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका इरादा कभी भी राज्य या यहां के लोगों का अपमान करने का नहीं था। एक बयान में, समीर निगम ने कहा कि अगर उनकी टिप्पणियों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मुझे खेद है और मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा कि कन्नड़ और अन्य सभी भारतीय भाषाओं के प्रति उनके मन में सम्मान है। समीर निगम ने कहा, “मेरा मानना है कि भाषाई विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एक राष्ट्रीय संपत्ति है, इस पर सभी भारतीयों को गर्व होना चाहिए और सभी भारतीयों को स्थानीय और सांस्कृतिक मानदंडों का सम्मान करना और जश्न मनाना चाहिए।”

  • PhonePe के संस्थापक ने जॉब कोटा विवाद में बिना शर्त माफ़ी मांगी है
  • उन्होंने कहा उनका इरादा राज्य या यहां के लोगों का अपमान करने का नहीं था
  • उन्होंने कहा कन्नड़ और अन्य भारतीय भाषाओं के प्रति उनके मन में सम्मान है

पिछले एक दशक में भारत में विस्तार किया- समीर निगम



उन्होंने कहा कि PhonePe का जन्म बेंगलुरु में हुआ था। CEO ने जोर देकर कहा, “बेंगलुरु से, पिछले एक दशक में हमने पूरे भारत में विस्तार किया है और 55 करोड़ से अधिक भारतीयों को सुरक्षित और कुशल डिजिटल भुगतान सेवा देने में सक्षम हुए हैं।” उन्होंने कहा कि कंपनी कर्नाटक की सरकार और स्थानीय कन्नड़ लोगों द्वारा दिए गए सहायक कारोबारी माहौल के लिए आभारी है।

बेंगलुरु के स्टार्टअप इन कपंनियों से कर रहे प्रतिस्पर्धा- समीर निगम



उन्होंने कहा, “बेंगलुरु के भारतीय स्टार्टअप गूगल, एप्पल, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी ट्रिलियन डॉलर की कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।” ऐसा करने के लिए, इन कंपनियों को भारत में उपलब्ध सबसे बेहतरीन प्रतिभाओं को उनके प्रौद्योगिकी कौशल और कोडिंग, डिजाइन, उत्पाद प्रबंधन, डेटा विज्ञान, मशीन लर्निंग, एआई और उससे आगे जैसे क्षेत्रों में दक्षता के आधार पर रोजगार देने में सक्षम होना चाहिए। समीर निगम ने कहा कि वह बेंगलुरु और कर्नाटक के लिए लाखों नौकरियों के सृजन में मदद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि अधिक संवाद और चर्चा के साथ, हम अधिक स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने के तरीके खोज सकते हैं।”

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