मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 'होम स्टे' बन रहा रोजगार का नया जरिया
Girl in a jacket

मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में ‘होम स्टे’ बन रहा रोजगार का नया जरिया

मध्य प्रदेश : कई ग्रामीण इलाकों के लोगों ने रोजगार का नया रास्ता तैयार किया है और वह है ‘होम स्टे’। राजधानी भोपाल के पड़ोसी जिले सीहोर की ग्राम पंचायत है खारी। राजधानी से लगभग 30 किलोमीटर दूरी पर मुख्य मार्ग से कुछ किलोमीटर अंदर की ओर स्थित इस गांव में रोजगार का नया मॉडल तैयार हो रहा है। यहां के लोगों ने अपने आवास के ही आसपास के खाली पड़े स्थान पर ग्रामीण परिवेश को समेटे हुए होम स्टे बनाया है। यह सुविधाओं के मामले में किसी होटल से कम नहीं है, मगर ग्रामीण परिवेश का अंदर से लेकर बाहर तक एहसास कराते हैं।

Highlight :

  • ग्रामीण इलाकों के लोगों ने तैयार किया रोजगार का नया रास्ता
  • मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में होम स्टे बना रोजगार का नया जरिया
  • होम स्टे सुविधाओं के मामले में किसी होटल से कम नहीं है

MP में होम स्टे बन रहा रोजगार का नया जरिया

इस गांव के कई परिवारों की जिंदगी में आए बदलाव की एक कहानी है। युवा कमलेश गौर बताते हैं कि उन्हें पर्यटन विकास निगम की होम स्टे योजना का पता चला। इसमें सरकारी मदद भी मिलती है और आखिरकार वे इस दिशा में बढ़ चले। गांव के 20 लोगों ने तय किया कि वह अपने-अपने घरों के खाली पड़े स्थान पर होम स्टे बनाएंगे। अब तक नौ लोग इस योजना को मूर्त रूप देने में सफल हुए हैं। एक तरफ जहां उन्हें रोजगार मिला है, वहीं दूसरी ओर उनके परिवार की व्यस्तताएं भी बढ़ गई हैं। जो पर्यटक आते हैं वे यहां विश्राम करते हैं और आसपास के इलाकों का भ्रमण करने के बाद ग्रामीण परिवेश का भोजन करना भी पसंद करते हैं। इस स्थिति होम स्टे उनकी आय का एक बड़ा जरिया बन गया है।

Shivpuri News: 'मलीदा, कढ़ी चावल और घर गांव' शिवपुरी में होम स्टे का लुफ्त  उठा सकेंगे पर्यटक, एमपी सरकार की पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल - mp  government ...

जानें, होम स्टे के मालिक ने क्या कहा ..

एक होम स्टे के मालिक हेमराज गौर बताते हैं कि उन्हें यह अंदाजा ही नहीं था कि इस तरह का प्रयोग उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है। यही कारण रहा कि उन्होंने बहुत ज्यादा विचार किए बिना अपने घर के बाहरी हिस्से की खाली जमीन पर यह होम स्टे बनवाया। हर माह 10 से 15 दिन यह होम स्टे बुक रहता है। वहीं आने वाले नए-नए लोगों से संपर्क भी बढ़ता है। एक अन्य होम स्टे के मालिक मुकेश गौर का कहना है कि वे एक तरफ अपनी खेती किसानी करते रहते हैं तो वहीं दूसरी ओर यहां आने वाले पर्यटकों के जरिए भी उनकी आय हो जाती है।

वार्षिक आय में से एक हिस्सा गांव के विकास में भी लगाना हुआ तय

होम स्टे बनाने वालों ने तय किया है कि वे अपनी वार्षिक आय में से एक हिस्सा गांव के विकास में भी लगाएंगे और इसके साथ उनकी कोशिश यह भी है कि जिन 20 लोगों ने होम स्टे बनाने का तय किया था, वह सभी बनकर तैयार हो जाएं। जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा, गांव में पर्यटक आएंगे तो गांव के व्यापार में भी बढ़ोतरी होगी और जो आमदनी होगी, इसका एक हिस्सा गांव की सड़क सुधारने में, नाली सुधारने में और अन्य कामों में लगाया जाएगा।

Bastar Tribal homestay and local food getting good response tourists summer  summer vacation ANN | Bastar News: बस्तर में लोगों को खूब भा रहा ट्राइबल होम  स्टे और लोकल खाना, जिला प्रशासन

(Input From IANS)

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें  FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

7 − 4 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।