नयी दिल्ली : विदेश सचिव विजय गोखले ने बृहस्पतिवार को अमेरिका द्वारा दिए जाने वाले सामान्यीकृत तरजीही व्यवस्था (जीएसपी) के तहत व्यापार छूट को वापिस लेने के बाद कहा कि भारत व्यापार छूट के सभी मानदंडों को पूरा करता है लेकिन इस बारे में निर्णय तो अमेरिका को ही करना है। अमेरिका के 44 सांसदों के एक समूह के ट्रंप सरकार से सामान्य तरजीही व्यवस्था (जीएसपी) के तहत भारत का दर्जा फिर से बहाल करने का आग्रह के एक दिन बाद गोखले का बयान आया है। अमेरिकी सांसदों के समूह में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टी के सांसद हैं।
ट्रंप प्रशासन ने जीएसपी पांच जून जीएसपी के तहत लाभार्थी विकासशील देश के रूप में भारत का दर्जा समाप्त कर दिया था। इससे भारत को अमेरिका के साथ व्यापार करने में तरजीह मिलती थी। जीएसपी अमेरिकी व्यापार में तरजीह का सबसे बड़ा और पुराना कार्यक्रम है। इसका मकसद लाभार्थी देशों के हजारों उत्पादों को शुल्क मुक्त प्रवेश देकर उनके आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा को लेकर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गोखले ने कहा, ‘‘हमने 40 अमेरिकी सांसदों द्वारा लिखे पत्र को देखा है।
भारत का हमेशा से यह मानना रहा है कि जीएसपी एकतरफा फैसला है। इसमें कुछ मानदंडों पर देशों द्वारा अन्य देशों को छूट दी जाती है।’’ गोखले कहा, ‘‘हम विकासशील देश हैं, हम उन मानदंडों को पूरा करते हैं। मुझे याद नहीं है कि हमने यह कहा है कि हमारी जीएसपी में रूचि नहीं है…अमेरिका ने इस व्यवस्था के तहत दी गयी छूट को एकतरफा वापस लिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मामले में हमारी स्थिति बिल्कुल साफ है। हमारा मानना है कि जीएसपी ऐसा है जो हमारे उद्योग के लिये महत्वपूर्ण है लेकिन अंतत: यह अमेरिका का मामला है और उन्हें फैसला करना है।’’