भारत के फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) सेक्टर का राजस्व वित्त वर्ष 2026 में 6 से 8 प्रतिशत बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
वित्त वर्ष 2025 में इस सेक्टर में 5-6 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।
मूल्य वृद्धि से राजस्व में 2 प्रतिशत ज्यादा वृद्धि की उम्मीद है।
साबुन, बिस्किट, कॉफी, हेयर ऑयल और चाय जैसी प्रोडक्ट कैटेगरी में मुद्रास्फीति का असर देखने को मिल सकता है।
वित्त वर्ष 2026 में परिचालन लाभ 20 से 21 प्रतिशत पर स्थिर रहने की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 2025 में इसमें 50 से 100 आधार अंकों की मामूली गिरावट देखने को मिल सकती है।
मजबूत बैलेंस शीट बनाए रखने और पर्याप्त लिक्विडिटी भंडार रखने की क्षमता को जाता है।
कुल राजस्व का लगभग 60 प्रतिशत शहरी बाजार योगदान देता है।
ग्रामीण क्षेत्र 40 प्रतिशत का योगदान देता है।
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