एक गलती ने बर्बाद कर दिया था इन कारोबारियों को, अर्श से फर्श आ गए थे - Punjab Kesari
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एक गलती ने बर्बाद कर दिया था इन कारोबारियों को, अर्श से फर्श आ गए थे

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अक्सर आपने देखा होगा कि फर्श से अर्श तक पहुंचने वाले कारोबारियों के बारे में जाना होगा। हम आपको ऐसे ही कारोबारियों के बारे में बताने जा रहे हैं। एक वक्त ऐसा भी था जब इनके कदमों पर पूरी दुनिया रहती थी। उन कारोबारियों की गिनती देश के अरबपतियों में होती थी उन सबकी एक गलती कि वजह से वह फर्श पर आ गए थे। चलिए जानते हैं कि ऐसे ही कारोबारियों के बारे में बताते हैं।

बी रामालिंगा राजू

B. Ramalinga Raju

सॉफ्टवेयर कंपनी सत्यम कंप्यूटर सर्विस लिमिटेड की स्थापना बी रामालिंगा राजू ने अपने साले डीवीएस राजू के साथ मिलकर 1987 में की थी। आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में कंपनी सत्यम स्थापित होने वाली पहली कंपनी बनी थी।

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सत्यम कंपनी स्थापित होने के कुछ ही वक्त बाद साफ्टवेयर क्षेत्र की देश की चार बड़ी कंपनियों में से एक बन गई है। इसी कंपनी से साठ हजार लोगों का रोजगार भी जुड़ा हुआ था। एक ऐसा भी समय आया जब इसके गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। कंपनी की नीव रखने वाले बी रामालिंगा राजू अर्श से फर्श तक पहुंचे गए हैं।

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विश्व बैंक ने करार खत्म किया

B. Ramalinga Raju

बी रामालिंगा राजू के कंपनी के मुनाफे में ‘फर्जीवाड़ा’ स्वीकार करने के बाद से सत्यम को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। विश्व बैंक ने कंपनी के साथ आठ साल का करार खत्म कर लिया है। दूसरी तरफ कंपनी के छोड़कर कर्मचारियों और निदेशकों के जाने का सिलसिला सा शुरू ही हो गया है।

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कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से चार लोगों ने इस्तीफा दिया। और दूसरी तरफ कंपनी के 120 कर्मचारी नौकरी छोड़कर चले गए। राजू को कई साल जेल में भी काटनेपड़े थे। आजकल राजू को बेल मिल गई है और वह जेल से बाहर हैं।

विजयपत सिंघानिया

Vijaypat Singhania

भारत के बड़ेे कारोबारियों में से एक विजयपत सिंघानिया हाल ही में चर्चा में रहे थे। विजयपत सिंघानिया ने अपने बेटे गौतम सिंघानिया पर यह आरोप लगाया था कि गौतम ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया है। विजयपत और गौतम का केस अभी कोर्ट में चल रहा है।

Vijaypat Singhania

विजयपत रेमंड ग्रुप के फाउंडर हैं उनका नाम अरबतियों में गिना जाता था। विजयपत सिंघानिया रेमंड ग्रुप के चेयरमैन थे और अब उनके बेटे गौतम सिंघानिया कारोबार संभाल रहे हैं।

बेटे ने पूरे कारोबार का होल्ड ले लिया

Gautam Singhania

गौतम सिंघानिया को बचपन से ही कारों का क्रेज रहा है। इसी बात को देखते हुए गौतम के पिता विजयपत सिंघानिया ने उनके 18वें जन्मदिन पर उन्हें प्रीमियर पद्मिनी 1100 कार गिफ्ट की थी।

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आज वही विजयपत सिंघानिया अपने ही आलीशान घर से अलग रह रहे हैं। एक समय में उनकी नेटवर्थ 1.4 बिलियन डॉलर थी लेकिन अब उनके पास घर के किराए के लिए भी पैसा नहीं है। घर और कारोबार का पूरा होल्ड अब गौतम के पास है।

सुब्रत रॉय

Subrata Roy

सुब्रत रॉय कामयाबी के पीक पर पहुंचक जेल तक पहुंच चुके हैं। सुब्रत रॉय सहारा ऊर्फ’सहाराश्री’ने तिहाड़ जेल में2साल से अधिक समय बिताया है। तिहाड़ जेल से निकलने के लिए सुब्रत9बार जमानत की अर्जी दी। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में कभी सुब्रत रॉय बिस्किट और नमकीन बेचा करते थे। वह भी लंब्रेटा स्कूटर पर।

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आज यह स्कूटर कंपनी मुख्यालय में रखा हुआ है। एक समय ऐसा था कि रॉय को उनका व्यापार शुरू करने के लिए एसबीआई बैंक ने पांच हजार रुपए का लोन देने से मना कर दिया था,लेकिन उन्होंने एक मित्र के साथ छोटी सी चिट फंड कंपनी शुरू की। इसके बाद उनकी सफलता की कहानी शुरू हो गई।

फर्श तक ऐसे पहुंचे 

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80के दशक में वे निवेशकों से प्रतिदिन पांच से दस रुपए निवेश करने को कहते थे। कम रकम होने की वजह से लाखों की संख्या में निवेशकों ने पैसा लगाया। जिससे रॉय की संपत्ति और कंपनी बढ़ती चली गई।

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लेकिन,ये सफर नवंबर2013में आकर थम गया,जब सेबी ने निवेशकों का पैसा नहीं लौटाने पर सहारा समूह के बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया। एक समय में सहारा ग्रुप डेढ़ लाख करोड़ का था जिसमें12लाख कर्मचारी और कार्यकर्ता थे।

इस मामले कि वजह से रॉय जेल गए

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अप्रैल2008में सहारा ग्रुप दो कंपनियां बनाईं। सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन(एसएचआईसीएल)और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन(एसआईआरईसीएल)और इसके लिए लोगों से पैसे लिए। पैसों को निवेशक चाहे तो इक्विटी में बदल सकता है। इसे ओएफसीडी कहते हैं। साल सितंबर2009में डेवलपर सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड ने आईपीओ के जरिए लोगों से पैसे निकालने चाहे। इसके लिए उसने सेबी में एक ड्राफ्ट भेजा,ताकि इस योजना का आंकलन किया जा सके। सेबी ने निवेशकों की जानकारी मांगी। नवबंर2010में सेबी ने कंपनी की इस योजना को खारिज कर दिया। साथ ही दोनों कंपनियों को कैपिटल मार्केट में उतरने से मना किया। इसके बाद इसमें जांच हुई जिसके कारण सुब्रत रॉय को जेल जाना पड़ा।

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