बकायेदारों की बनेगी 'कठिन' श्रेणी - Punjab Kesari
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बकायेदारों की बनेगी ‘कठिन’ श्रेणी

बाजार नियामक सेबी ऐसे लोगों के लिए अलग श्रेणी बनाने पर विचार रहा है, जिनसे अर्थ दंड और

नई दिल्ली : बाजार नियामक सेबी ऐसे लोगों के लिए अलग श्रेणी बनाने पर विचार रहा है, जिनसे अर्थ दंड और दूसरे प्रकार के बकायों की ‘वसूली में कठिनाई’ हो रही है। ऐसा कर के वह वसूली के मामलों में अपने संसाधनों का और अच्छी तरह से उपयोग करना चाहता है। अधिकारियों के अनुसार इस श्रेणी के लोगों/इकाइयों पर कानूनी कार्रवाई जारी रखी जाएगी।

अधिकारियों ने कहा कि ऐसे बकायेदार की परिस्थितियां बदलने पर सेबी वसूली प्रक्रिया फिर से शुरू कर सकता है लेकिन बकाया न चुकाने वालों पर मुकदमे की कार्यवाही जारी रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (बोर्ड) के निदेशक मंडल की इस सप्ताह होने वाली बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है।

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वर्ष 2013 में वसूली का अधिकार मिलने के बाद सेबी ने कर्ज के भुगतान में चूक करने वाले 1,600 लोगों या संस्थाओं के खिलाफ वसूली की कार्यवाही शुरू की है लेकिन इसके दौरान कुछ मामलों में उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। यही कारण है कि वह ‘वसूली में मुश्किल’ (डिफिकल्ट टू रिकवर) नामक की एक अलग श्रेणी बनाना चाहता है।

इससे सेबी वैसे क्षेत्र में संसाधनों का इस्तेमाल करेगी, जहां से वसूली की संभावना ज्यादा बेहतर होगी। सेबी ने इस बाबत वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक और कंपनी मामलों के मंत्रालय से राय मांगी है। उसने स्पष्ट किया है कि वह बकायों को घटाने और माफ करने पर विचार नहीं कर रहा है।

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