सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए केंद्र ने SEZ नियमों को किया सरल - Punjab Kesari
Girl in a jacket

सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए केंद्र ने SEZ नियमों को किया सरल

घरेलू बाजार में उत्पाद बेचने की मिली अनुमति

केंद्र सरकार ने सेमीकंडक्टर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड नियमों में ढील दी है। अब कंपनियों को कम भूमि पर कारखाने स्थापित करने और घरेलू बाजार में उत्पाद बेचने की अनुमति है। यह कदम देश में चिप्स की बढ़ती मांग को पूरा करने और वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच उत्पादन बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है।

केंद्र सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए नियमों में ढील दी है। इसके तहत कंपनियों को विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में छोटे भूखंडों पर कारखाने स्थापित करने की अनुमति दी गई है, जिससे प्रवेश की लागत कम होगी। इन इकाइयों को निर्यात के अलावा घरेलू बाजार में अपने उत्पाद बेचने की भी अनुमति होगी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी गैजेट नोटिफिकेशन के अनुसार, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर या इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स बनाने के लिए एसईजेड में कारखानों के लिए न्यूनतम भूमि की आवश्यकता को पहले की 50 हेक्टेयर से घटाकर 10 हेक्टेयर कर दिया गया है। इसी तरह, मल्टी-प्रोडक्ट एसईजेड में, न्यूनतम भूमि की आवश्यकता को पहले की 20 हेक्टेयर से घटाकर 4 हेक्टेयर कर दिया गया है।

चिनाब ब्रिज : दुनिया का सबसे ऊँचा रेल आर्च ब्रिज – जानिए इसकी खासियतें…

यह नियम गोवा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय, सिक्किम, लद्दाख, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली में लागू होगा। आसान किए गए मानदंड सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले मॉड्यूल सब एसेंबली, कई दूसरे मॉड्यूल सब-एसेंबली, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स, लिथियम-आयन बैटरी सेल, मोबाइल और आईटी हार्डवेयर कंपोनेंट्स, हियरेबल्स और वियरेबल्स सहित कई अन्य क्षेत्रों पर लागू होंगे। विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) नियम, 2025 के तहत ये बदलाव 3 जून को लागू हुए हैं।

यह कदम वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच देश में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देने की सरकार की रणनीति का हिस्सा है। देश में स्मार्टफोन और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में जोरदार वृद्धि के साथ हाल के वर्षों में भारत में चिप्स की मांग बढ़ी है। सरकार द्वारा 3 जून को अधिसूचित विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) नियम, 2025 भी निर्माताओं को तैयार माल को स्थानांतरित करने या बेचने के लिए अधिक स्वायत्तता प्रदान करते हैं। आसान किए गए नियमों के तहत, कंपनियां अब या तो भारत से सीधे माल निर्यात कर सकती हैं या आवश्यक करों का भुगतान कर देश में (घरेलू टैरिफ क्षेत्र) उन्हें बेच सकती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × three =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।