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BHIM-UPI लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये का प्रावधान

भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत

कैबिनेट ने छोटे व्यापारियों के लिए भीम-यूपीआई इंसेंटिव योजना को मंजूरी दी है, जिसमें 1,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना का उद्देश्य वित्त वर्ष 2024-25 में 20,000 करोड़ लेनदेन का लक्ष्य हासिल करना है। योजना के अंतर्गत 2,000 रुपये तक के यूपीआई लेनदेन पर 0.15 प्रतिशत का इंसेंटिव दिया जाएगा। इससे छोटे व्यापारियों को यूपीआई भुगतान स्वीकारने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट ने कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन के लिए 1,500 करोड़ रुपये के इंसेंटिव को मंजूरी दी है।

इसका उद्देश्य स्वदेशी भीम-यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से वित्त वर्ष 2024-25 में 20,000 करोड़ लेनदेन का लक्ष्य हासिल करना है।

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कैबिनेट की ओर से कहा गया कि कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन (पर्सन टू मर्चेंट (पी2एम)) को बढ़ावा देने के लिए इंसेंटिव स्कीम “1,500 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय से 01.04.2024 से 31.03.2025 तक कार्यान्वित की जाएगी।”

कैबिनेट ने आगे कहा कि इस योजना के अंतर्गत केवल छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक के यूपीआई (पी2एम) लेनदेन को कवर किया गया है।

छोटे व्यापारियों की कैटेगरी के तहत आने वाले 2,000 रुपये तक के लेनदेन के लिए प्रति लेनदेन मूल्य पर 0.15 प्रतिशत का इंसेंटिव प्रदान किया जाएगा।

कैबिनेट नोट में कहा गया, “योजना में सभी तिमाहियों के लिए अधिग्रहणकर्ता बैंकों द्वारा स्वीकृत दावा राशि का 80 प्रतिशत बिना किसी शर्त के वितरित किया जाएगा।”

कैबिनेट ने बताया कि प्रत्येक तिमाही के लिए स्वीकृत क्लेम का शेष 20 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति कुछ शर्तों पर निर्भर होगी, जिसमें स्वीकृत दावे का 20 प्रतिशत तभी प्रदान किया जाएगा जब अधिग्रहणकर्ता बैंक की टेक्निकल डिक्लाइन 0.75 प्रतिशत से कम होगी और स्वीकृत दावे का शेष 10 प्रतिशत तभी प्रदान किया जाएगा जब अधिग्रहणकर्ता बैंक का सिस्टम अपटाइम 99.5 प्रतिशत से अधिक होगा।
इस कदम से सुविधाजनक, सुरक्षित और तेज नकदी प्रवाह सुनिश्चित होगा और आम नागरिकों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के बिना रुकावट के भुगतान सुविधा का लाभ मिलेगा।

इससे छोटे व्यापारी भी बिना किसी अतिरिक्त लागत के यूपीआई सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। छोटे व्यापारी मूल्य के प्रति संवेदनशील होते हैं। इस कारण इंसेंटिव उन्हें यूपीआई भुगतान स्वीकार करने में मदद करेगा।

आरबीआई के अनुसार, सभी कार्ड नेटवर्क (डेबिट कार्ड के लिए) पर लेनदेन मूल्य का 0.90 प्रतिशत तक मर्चेंट डिस्काउंट दर (एमडीआर) लागू है।

एनपीसीआई के अनुसार, यूपीआई पी2एम लेनदेन के लिए लेनदेन मूल्य का 0.30 प्रतिशत तक एमडीआर लागू है। जनवरी 2020 से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेनदेन के लिए एमडीआर शून्य कर दिया गया था।

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