मुंबई : गत सप्ताह बजट घोषणा पूर्व वीरवार को आहट सुनकर निवेशकों ने जमकर शेयरों में लिवाली की, जिसमें करीब 95 प्रतिशत से अधिक शेयरों में इस सत्र के दौरान तेजी दर्ज की गयी जिससे बीएसई व एनएसई बल्ले-बल्ले करने लगे तथा बजट की घोषणा वाले दिन यानि अंतिम सत्र के दौरान दोनों सूचकांक गत सप्ताह 36025.54 एवं 10780.55 अंक से उछलकर क्रमश: 36469.43 एवं 10893.65 अंक पर पहुंचकर बंद हुए। इस सत्र पर भी करीब 92-93 प्रतिशत शेयरों में चमक आई थी।
आलोच्य सप्ताह बजट का इंतजार बड़ी बेसब्री से देश की आम जनता के साथ किसानों, व्यापारियों एवं विशेष रूप से निवेशकों द्वारा किया जा रहा था तथा गत सप्ताह आरम्भ से लेकर बुधवार तीन सत्र के दौरान यह आने वाले बजट की घबराहट साफ-साफ निवेशकों की स्थिति समझने को मिली थी, क्योंकि इन तीन कार्यसत्रों पर तो भारतीय शेयर बाजार मुरझाये हुए रहे, अर्थात् बहुत धीमी गति में ट्रेड हुआ था, लेकिन जैसे-जैसे बजट घोषणा का दिन निकट आ रहा था, उससे एक दिन पूर्व वीरवार को हुए कारोबार में करीब 95 प्रतिशत से अधिक शेयरों में निवेश बढऩे से बीएसई व एनएसई में भारी तेजी आ गयी थी।
अब बजट वाले दिन कुछ ऐसी घोषणाएं हुईं जो शेयर बाजारों में उत्साहपूर्वक कारोबार हुआ। वित्त मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा इस बजट में इन्फ्रा सैक्टर में तेजी लाने की घोषणा की। इसके अलावा किसानों के लिए काफी सकारात्मकता का बजट प्रस्तुत हुआ है एवं करदाताओं को टैक्स रीबेट तथा सालाना आय बढ़ाकर 5 लाख रुपए पर टैक्स फ्री किये जाने का साफ-साफ असर भारतीय शेयर बाजारों पर दिखाई दिया।
हालांकि निवेशकों की नजरें अंतिम कार्य दिवस पर पेश होने वाले बजट पर बराबर बनी हुई थीं, जिससे कि निवेश में बढ़ोत्तरी की उम्मीद काफी थी, जो आशा के अनुरूप उतनी न होने से जो शेयर बाजारों में अंतिम दिन तेजी आई, वो एक दिन पूर्व की तुलना में काफी कम थी। इसके अलावा बैंकिंग एनपीए सिस्टम सुधार में प्रोम्पट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) अर्थात्त्वरित सुधार कार्रवाई के तहत लोन सम्बन्धी सुविधा में आसानी हुई तथा एक करोड़ के ऋण में ब्याज में कुछ छूट भी दी गयी है।
वहीं कृषि उत्पादक कम्पनियों को इस बजट में टैक्स छूट से काफी राहत मिलेगी, जिससे इन कम्पनियों के शेयरों में निवेश बढऩे की आशा जगी है। हालांकि इक्टिीज़ में एक लाख रुपए की कमाई व म्युचूअल फंड लाभांश पर पूंजी वृद्धि कर लगाये जाने से अंतिम दिन शेयर बाजार की तेज गति में रुकावट रही।