बैंकों को सरकारी मदद काफी नहीं - Punjab Kesari
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बैंकों को सरकारी मदद काफी नहीं

मूडीज की उपाध्यक्ष अल्का अंबरासु ने कहा कि बड़े पैमाने पर बैंकों में पूंजी डालने की सरकारी योजना

नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों को अधिक पू्ंजी समर्थन देने की सरकार की योजना के बारे में मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस का कहना है कि इससे बैंकों को अपनी पूंजी पर्याप्तता को बहाल करने और ऋण घाटे को पाटने में मदद तो मिल जाएगी लेकिन उन पर दबाव बना रहेगा। सरकार की वित्त वर्ष 2018-19 के अंत तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 65,000 करोड़ रुपये तक की नयी पूंजी उपलब्ध कराने की योजना है।

इससे पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने बैंकों में 90,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी। इस 65,000 करोड़ रुपये से सरकार ने जुलाई में पांच बैंकों को 11,300 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध करायी थी। मूडीज की उपाध्यक्ष और वरिष्ठ ऋण अधिकारी अल्का अंबरासु ने कहा कि बड़े पैमाने पर बैंकों में पूंजी डालने की सरकारी योजना अब सिर्फ बैंकों की पूंजीगत हालत को ही ठीक करेगी, जो उन्हें नियामकीय ढांचे के तहत पर्याप्त पूंजी बनाए रखने में ही मदद कर सकती है, क्योंकि बैंकों में पूंजी की कमी सरकार के शुरूआती अनुमान से बहुत अधिक बढ़ चुकी है।

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जबकि सरकार की योजना इसके माध्यम से बैंकों में पूंजी आधिक्य बनाना और उसकी हालत बेहतर करना था। साथ ही उनके ऋण घाटे को कम करना और ऋण वितरण को बढ़ाने का भी लक्ष्य था। हालांकि मूडीज ने स्पष्ट किया कि चालू वित्त वर्ष के बाद बैंकों की पूंजी की बाहरी जरूरत नहीं होगी क्योंकि उनके लाभ में धीरे-धीरे सुधार होगा।

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