वाशिंगटन : लोकसभा चुनावों के बाद करीब 200 अमेरिकी कंपनियां अपना मैन्युफैक्चरिंग बेस चीन से भारत में शिफ्ट करना चाहती हैं। अमेरिका के प्रमुख एडवोकेसी ग्रुप यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) का ऐसा कहना है। फोरम के अध्यक्ष मुकेश अघी के मुताबिक भारत में निवेश के लिए कंपनियां उनसे बात कर रही हैं।
समूह ने कहा कि चीन की जगह कोई अन्य विकल्प तलाश कर रही कंपनियों के लिये भारत में शानदार अवसर उपलब्ध हैं। यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष अघी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर विचार करने की जरूरत है। इससे भारत को फायदा होगा। अगर भारत चीन से आने वाले सस्ते सामान के बारे में चिंतित है तो एफटीए से यह जरूरत पूरी हो जाएगी। अघी का कहना है कि हमने अपनी सदस्य कंपनियों की उच्च स्तरीय मैन्युफैक्चरिंग काउंसिल बनाई है।
उनका कहना है कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने के लिए बैकअप स्ट्रैटजी की जरूरत है। लेकिन, छोटे-छोटे मुद्दे उन्हें पीछे खींच सकते हैं। ज्यादातर कंपनियां चुनाव खत्म होने का इंतजार कर रही हैं। वो कंपनियां भारत आएंगी तो बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश भी आएगा। पिछले 4 सालों में हमारी सदस्य कंपनियों ने 50 अरब डॉलर का निवेश किया है।