भारत इस वक्त कोरोना महामारी के संकट से गुजर रहा है। महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से डीरेल हो चुकी है। इस बीच, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने मंगलवार को कोरोना वयारस के खिलाफ लड़ने में मदद के लिए भारत को 1.5 अरब डॉलर के ऋण को मंजूरी दे दी है। ज्ञात हो, इसके पहले एडीबी ने कहा था कि उसने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे सदस्य देशों के लिए वित्तीय पैकेज को तीन गुना बढ़ाकर 20 अरब डॉलर कर दिया है। एडीबी के अध्यक्ष मासात्सुगु असाकावा ने कहा कि इस अप्रत्याशित मुश्किल घड़ी में संगठन भारत सरकार को उसके कार्यों में समर्थन देने के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
असाकावा ने कहा कि यह ऋण भारत को इस महामारी में त्वरित जरूरतों में मदद के लिये हैं। बीमारी पर नियंत्रण पाने, उससे बचाव करने और साथ ही गरीबों और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को सामाजिक सुरक्षा देने के लिये यह
ऋण मंजूर किया गया है। असाकावा ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘त्वरित रूप से वितरित किये जाने वाला यह कोष एडीबी की तरफर से दिये जाने वाले एक बड़े पैकेज का हिस्सा है। एडीबी यह पैकेज सरकार और अन्य विकास भागीदारों के साथ नजदीकी समन्वय के साथ उपलब्ध करायेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड- 19 के खिलाफ उठाये जा रहे कदमों में हम भारत की मदद करने के लिये प्रतिबद्ध हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वह भारत के लोगों को प्रभावी ढंग से समर्थन उपलब्ध करायें, खासतौर से गरीब और वंचित तबके को मदद मिलनी चाहिये।’’मनीला मुख्यालय वाली इस बहुपक्षीय एजेंसी ने कहा है कि कोविड-19 को लेकर उसके इस सक्रिय प्रतिक्रिया एवं व्यय समर्थन (केयर्स) कार्यक्रम के तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों, किसानों, स्वास्थ्य देखभाल करने वालों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, शारीरिक रूप से अक्षम लोगों, निम्न आय वर्ग और निर्माण क्षेत्र के मजदूरों सहित 80 करोड़ से अधिक लोगों को सीधे स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच और देखभाल में सुधार लाने, साथ ही सामाजिक सुरक्षा को बेहतर करने के वास्ते सीधे योगदान किया गया है।