कोयले की युक्तिसंगत व्यवस्था से 3,770 करोड़ की बचत - Punjab Kesari
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कोयले की युक्तिसंगत व्यवस्था से 3,770 करोड़ की बचत

कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने कहा कि कोयले की व्यवस्था युक्तिसंगत किये जाने से 58 तापीय बिजली संयंत्रों

कोलकाता : कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने मंगलवार को कहा कि कोयले की व्यवस्था युक्तिसंगत किये जाने से 58 तापीय बिजली संयंत्रों को ईंधन परिवहन लागत मद में सालाना करीब 3,770 करोड़ रुपये की बचत हुई है। कोयले की युक्तिसंगत व्यवस्था से आशय बिजली कंपनियों को कोयला आपूर्ति के स्रोत को संयंत्र से दूर देने की जगह नजदीक उपलब्ध कराने से है। 
कोल इंडिया के सूत्रों ने कहा कि युक्तिसंगत नीति के तहत कुल 6.3 करोड़ टन कोयले की आवाजाही शामिल है। खनन कंपनी ने कहा कि कोल इंडिया की 2015 से कोयला व्यवस्था को युक्तिसंगत बनाने की नीति के कारण देश में 58 तापीय बिजली संयंत्रों को ईंधन परिवहन लागत मद में सालाना 3,770 करोड़ रुपये की बचत हुई है। सूत्रों के अनुसार इस व्यवस्था से बिजली संयंत्रों को परिवहन लागत में कमी लाने तथा ईंधन की तुरंत आपूर्ति सुनिश्चित हो सकी है। 
साथ ही इसके कारण रेलवे रैक की उपलब्धता भी बढ़ी है। शुरू में कोयले की तार्किक व्यवस्था नीति के तहत 19 तापीय बिजली संयंत्रों को चिन्हित किया गया था। ये बिजली संयंत्रडब्ल्यूबीपीडीसीएल, डीपीसी, डीपीएल, महाजेनको, जीईएससीएल, एनटीपीसी जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कंपनियों के हैं। मई 2018 में इस नीति के दायरे में स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के संयंत्रों को भी लाया गया।

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