आयकर विभाग ने 22 अप्रैल, 2025 से दस लाख रुपये से अधिक कीमत वाले लक्जरी वस्तुओं पर एक प्रतिशत TCS लगाने की अधिसूचना जारी की है। इसमें कलाई घड़ी, कला वस्तुएं, लक्जरी हैंडबैग, जूते और उच्च श्रेणी के खेल परिधान शामिल हैं। यह कर खरीदार से खरीदारी के समय लिया जाएगा और रिटर्न दाखिल करते समय समायोजित किया जा सकेगा।
दस लाख रुपये से अधिक कीमत वाले हैंडबैंग, कलाई घड़ी, जूते- चप्पल ओर स्पोर्टस वियर पहनने वाले उत्पाद लक्जरी सामान पर अब एक प्रतिशत स्रोत पर कर संग्रह TCS लगेगा। बता दें कि वर्तमान में एक जनवरी 2025 से 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले मोटर वाहनों पर एक प्रतिशत की दर से टीसीएस लगाया जा रहा। आयकर विभाग ने 22 अप्रैल, 2025 से 10 लाख रुपये से अधिक की विशिष्ट लक्जरी वस्तुओं की बिक्री पर एक प्रतिशत टीसीएस लगाये जाने को अधिसूचित किया है।
व्यय का पता लगाने में मदद मिलेगी
टीसीएस को निर्दिष्ट वस्तुओं की बिक्री के समय खरीदार से लिया जाता है तथा इसे आयकर रिटर्न दाखिल करते समय क्रेता को कर देनदारी में समायोजित किया जा सकता है। स्रोत पर कर कटौतर से कोई अतिरिक्त राजस्व प्राप्त नहीं होता, लेकिन इससे कर विभाग को उच्च मूल्य के व्यय का पता लगाने में मदद मिलती है, क्योंकि खरीदारी के समय पैन कार्ड की जानकारी देनी होती है।
लक्जरी वस्तुओं पर लगेगा TCS
टीसीएस एकत्र करने का दायित्व विक्रेता पर होगा। यह अधिसूचित वस्तुओं जैसे कलाई घड़ी, कला वस्तुएं जैसे पेंटिंग, मूर्तियां और प्राचीन वस्तुएं, संग्रहणीय वस्तुएं जैसे सिक्के और टिकट, नौकाएं, हेलीकॉप्टर, लक्जरी हैंडबैग, धूप के चश्मे, जूते, उच्च श्रेणी के खेल परिधान और उपकरण, होम थिएटर सिस्टम और रेस या पोलो के लिए घोड़े आदि पर लागू होगा।