फिल्म हिसाब बराबर जो दिखाती है वो हम सबसे जुड़ा है, हमारे बैंक अकाउंट से जुड़ा है, और हम इसपर ध्यान तक नहीं देते,ये फिल्म एक ऐसी गड़बड़ को दिखाती है जिसपर किसी का ध्यान नहीं जाता होगा लेकिन ये हजारों करोड़ का घोटाला है। इस फिल्म की कहानी ऐसी है कि सबको देखनी ही देखनी चाहिए, वहीं इसी बीच इस फिल्म के मुख्य कलाकार कीर्ती कुलहाड़ी और नील नितिन मुकेश पंजाब केसरी के साथ जुड़े और इस पर बात-चीत की।
ये कहानी है रेलवे में टिकट चेकर राधे मोहन शर्मा यानि आर माधवन की जो हिसाब का पक्का है, 11 रुपए 50 पैसे मतलब 11 रुपए 50 पैसे, 12 नहीं। ईमानदारी से अपनी नौकरी कर रहे हैं राधे मोहन को बैंक के एक ऐसे घोटाले के बारे में पता चलता है जिसपर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा और जो करोड़ो लोगों से जुड़ा है और हजारों करोड़ का घोटाला है। इस घोटाले को कर रहा है एक बैंक का मालिक मिकी मेहता यानि नील नितिन मुकेश, कैसे राधे इस घोटाले का खुलासा करता है। उसमें इंस्पेक्टर पूनम जोशी यानि कीर्ति कुल्हारी कैसे दखल देती है, यही इस फिल्म की कहानी है।
डायरेक्शन
अश्विन धीर ने फिल्म को डायरेक्ट किया है और उन्होंने ही रितेश शास्त्री के साथ मिलकर फिल्म को लिखा है। उन्होंने कहानी पब्लिक इंट्रेस्ट की चुनी इसके लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए और डायरेक्शन और राइटिंग ठीक है।