किडनी में समस्या से नहीं रहा यूरीन कंट्रोल, लेकिन अब ईश्वर ठाकुर पर डायपर खरीदने तक के नहीं हैं पैसे! - Punjab Kesari
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किडनी में समस्या से नहीं रहा यूरीन कंट्रोल, लेकिन अब ईश्वर ठाकुर पर डायपर खरीदने तक के नहीं हैं पैसे!

एफआईआर, मे आई कम इन मैडम?, जीजा जी छत पर हैं और भाभी जी घर पर है! जैसे

एफआईआर, मे आई कम इन मैडम?, जीजा जी छत पर हैं और भाभी जी घर पर है! जैसे बड़े शोज का हिस्सा रहें एक मशहूर एक्टर को लेकर इस वक़्त बड़ी चौंकाने वाली खबर आई हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो, इन शोज के जरिए लोगों को एंटरटेन करने वाले एक्टर अब बड़ी मुसीबत में हैं। न तो अब उनकी तबियत ठीक है और न ही उनकी आर्थिक स्थिति। बता दें, इस वक़्त हम जिसकी बात कर रहे हैं वो है ईश्वर ठाकुर। 
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अब टीवी एक्टर ईश्वर ठाकुर को लेकर एक बार फिर परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं। इससे पहले कोरोना काल में भी खबरें आई थी कि एक्टर को कोई काम नहीं मिल रहा और वो आर्थिक तंगी से गुज़र रहे हैं। जिसके बाद उनके को-स्टार्स ने उनकी मदद की थी। साथ ही सोनू सूद ने भी एक्टर के लिए मदद का हाथ बढ़ाया था। लेकिन अब एक बार फिर काम न मिलने की वजह से उनकी हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है। 
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दरअसल, किडनी में समस्या होने की वजह से एक्टर का पैर बुरी तरह से सूज गया है। वहीं अब अपनी हालत को लेकर ईश्वर ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ‘पिछले कुछ महीनों से मेरी किडनी में दिक्कत आई है। जिसकी वजह से मेरा पैर बुरी तरह से सूज गया है और मेरा यूरिन कंट्रोल में नहीं रहता। शुरू-शुरू में मैं डायपर का इस्तेमाल करता था, लेकिन अब मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं डायपर खरीद सकूं। फिलहाल मैं कागज और रद्दी न्यूजपेपर से काम चला रहा हूं।’
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एक्टर ने आगे कहा, ‘मैं किसी अच्छे डॉक्टर से भी कांटेक्ट नहीं कर पा रहा हूं। पहले आयुर्वेदिक दवाओं से काम चला रहा था, लेकिन अब इतना भी पैसा नहीं है कि अपने लिए आयुर्वेदिक दवाई तक खरीद सकूं।’ साथ ही अपने घर की कंडीशन के बारे में बात करते हुए एक्टर ने बताया, ‘मेरे घर पर मां और भाई की तकलीफ बहुत ज्यादा है। इन तकलीफों के बीच मैं अपने बारे में सोच ही नहीं पाता हूं।’
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‘मेरे भाई को सिजोफ्रेनिया है। पहले हमने उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया था लेकिन डॉक्टर्स और अस्पताल ने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद उसे नासिक की तरफ एक आश्रम में भर्ती करवाया गया। जिसके लिए आश्रम वाले पहले 5 हजार लेते थे लेकिन मेरी हालत देखकर अब वो 3 हजार लेते हैं। लेकिन मैं वो भी नहीं भर पा रहा हूं। मेरी मां पिछले लॉकडाउन से ही बिस्तर पर है। उन्हें होश भी नहीं होता, वो कपड़ों में ही पेशाब कर देती हैं, उन्हें भी 2 साल तक डायपर पर रखा था लेकिन अब उनके लिए भी कुछ नहीं कर पा रहा हूं।’

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