'सेक्स' को लेकर लोगों की अवधारणा में आएगा बदलाव : भूमि पेडऩेकर - Punjab Kesari
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‘सेक्स’ को लेकर लोगों की अवधारणा में आएगा बदलाव : भूमि पेडऩेकर

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हाल ही में भूमि पेडऩेकर की फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा प्रदर्शित हुई, जिसे बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। बॉलीवुड में खिलाड़ी के नाम से मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार के साथ उनकी इस फिल्म में अच्छी जुगलबंदी देखने को मिली, जो दर्शकों को खूब रास आ रही है।

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हालांकि बॉक्स ऑफिस पर टॉयलेट एक प्रेम कथा अभी भी अच्छा व्यापार कर रही है लेकिन अब उनकी दूसरी फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’ भी प्रदर्शन के लिये तैयार है। अब वह अपना सारा ध्यान उस फिल्म से हटाकर इस पर केंद्रित कर चुकी हैं। हाल ही में भूमि पेडऩेकर से उनकी आगामी फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’ को लेकर बातचीत करने का मौका मिला तो ढेर सारी बातें हुईं।

प्रस्तुत हैं उनसे हुई बातचीत के कुछ खास अंश :

शुभ मंगल सावधान कैसी फिल्म है? इसके जरिये लोगों को क्या संदेश देना चाहती हैं?

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यह एक रॉम-कॉम फिल्म है। इसमें हम एक बहुत ही पर्सनल और जरूरी मुद्दे को दिखाने वाले हैं, जिसके बारे में लोग बात नहीं करना चाहते हैं। बात करने में भी शर्माते हैं, हम उसकी बात कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर हम काफी सेंसिटिव हैं, यहां पर हम किसी का मजाक नहीं उड़ा रहे हैं। सैक्सुअल प्रॉब्लम वाली होकर भी यह काफी साफ-सुथरी फिल्म है। इस फिल्म के बाद हम उम्मीद करते हैं कि सैक्स को लेकर हमारे समाज के लोगों में जो अवधारणा है उसमें बदलाव आयेगा।

आयुष्मान के साथ यह आपकी दूसरी फिल्म है। दूसरी फिल्म में आपको उनमें क्या बदलाव नजर आया और आपकी उनके साथ बांडिंग कैसी रही?

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आयुष्मान और मैं बहुत ही करीबी दोस्त हैं। मैं उसके परिवार के भी बहुत करीब हूं। वह मेरे पहले को-स्टार हैं। हम एक-दूसरे का काफी सम्मान करते हैं। हम जमीन से जुड़े हुए लोग हैं। देखा जाए तो इस बीच हमारी दोस्ती बढ़ी है और एक अभिनेता के रूप में आयुष्मान पहले से काफी परिपक्व हुए हैं।

आपकी यह तीसरी फिल्म है, आपकी तीनों फिल्में उत्तर भारत की पृष्ठभूमि पर बनी है। इन फिल्मों में किरदार निभाने के साथ आप इस क्षेत्र को कितना समझ पाईं?

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ऐसा नहीं है कि मैं उस क्षेत्र से अनभिज्ञ हूं, मेरी मां उत्तर भारत, हरियाणा की हैं, इसलिये उत्तर भारत से मेरा नाता है। मुझे ज्यादा तो नहीं पता लेकिन कहीं न कहीं ऐसा लगता है कि बॉलीवुड में जो कहानियां आती हैं, वह उत्तर भारत से ज्यादा जुड़ती हैं। पहली फिल्म में तो नहीं लेकिन टॉयलेट एक प्रेम कथा और इस फिल्म के बाद मैंने काफी चीजें वहां के बारे में जाना और समझा। इन किरदारों को निभाने के साथ मैंने यह महसूस किया कि वहां कि लड़कियां काफी हिम्मत वाली होती हैं।

‘दम लगाके हईशा’ में आप काफी भारी-भरकम शरीर में नजर आई थीं और टॉयलेट एक प्रेम कथा में आप बिल्कुल स्लिम हो गईं। इतना बड़ा बदलाव कैसे आया?

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दम लगाके हईशा में दर्शकों ने मुझे जैसा देखा तो वह मेरा रियल लुक नहीं था। मैंने उस फिल्म के लिये अपना वजन बढ़ाया था। फिल्म खत्म होने के बाद जैसे ही मैने जंकफूड खाना बंद किया, मैं अपने वास्तविक फिगर में आ गई। हालांकि खुद को फिट रखने के लिये मैं काफी एक्सरसाईज करती हूं।

वजन बढ़ाना और घटाना काफी जोखिमभरा होता है, फिर यह जोखिम कैसे लेती हैं?

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बहुत ज्यादा जोखिमभरा काम होता है। तीन साल लग गये मुझे इस आकार में आने के लिये लेकिन मैं खुश हूं कि दर्शकों ने मेरे किरदार को पसंद किया। मुझे मेरे दोनों किरदारों से बहुत प्यार है। मैं भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी कि मुझे यह किरदार निभाने का मौका मिला। एक कलाकार को ऐसा जोखिम लेना पड़ता है।

आपकी टॉयलेट एक प्रेमकथा बॉक्स ऑफिस पर सफल रही, अपने प्रशंसकों से कुछ कहना चाहेंगी?

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इसके लिये मैं दर्शकों का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी और उनसे कहना चाहूंगी कि जिस तरह से उन्होंने टॉयलेट एक प्रेमकथा को प्यार दिया उसी तरह हमारी इस फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’ को भी प्यार दें। द्य वरुण तिवारी

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।