कंगना रनौत का नाम लिए बिना 'सामना' से शिवसेना ने मारा ताना, कहा- 'पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं करते' - Punjab Kesari
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कंगना रनौत का नाम लिए बिना ‘सामना’ से शिवसेना ने मारा ताना, कहा- ‘पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं करते’

बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत और श्विसेना का आपसी बैर अब सिर चढ़कर बोल रहा है। जब से कंगना

बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत और श्विसेना का आपसी बैर अब सिर चढ़कर बोल रहा है। जब से कंगना के दफ्तर में बीएमसी ने अपना दखल दिया उसके बाद से ही पंगा क्वीन लगातार सोशल मीडिया के जरिए शिवसेना पर तंज कस रही हैं। इस बीच शिवसेना भी अपने मुखपत्र सामना में कंगना पर हमला जारी रखे हुए। वहीं एक बार फिर से सामना के संपादकीय में बिना नाम लिए कंगना पर जोरदार पलटवार कर दिया है। 
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दरअसल शिवसेना ने अपने मुखपत्र के माध्यम कहा कि मुंबई पाक अधिकृत कश्मीर नहीं है,जिन भी लोगों ने इस विवाद को पैदा किया है उन्हें मुबारक। मुबई तो अक्सर विवादों में घिरी रहती है और खास बाद इन सबके बाद यह प्रतिष्ठित है।
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आगे शिवसेना ने कहा मुंबई में बॉलीवुड के नाम का तंबू गड़ा और यह उद्योग के रूप में चारों और फैला। आज यहां हर भाषा के कलाकार काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं बाहर से आने वाले लोग तो पहले यहां पर फुटपाथ तक पर भी रहकर अपना गुजारा करते हैं,इनमें से बहुत से ऐसे होते हैं जिनकी किस्मत चमक जाती है और बाद में वो मुंबई के जुहू,मालाबार हिल और पाली हिल जैसे क्षेत्रों में अपना महल खड़ा कर लेते हैं। याद दिला दें कि कंगना का दफ्तर भी पाली हिल क्षेत्र में स्थित है। 
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इसके आगे शिवसेना ने कहा कि मुंबई में कोई भी आए और यहां अपनी प्रतिभा आजमा सकता है,फिल्म उद्योग आज भी लाखों को रोजी रोटी दे रहा है। मीना कुमारी से लेकर मधुबाला,दिलीप कुमार और संजय खान जैसे दिग्गज मुस्लिम कलाकारों ने अपना नाम हिंदू रखा,क्योंकि  तब तक धर्म नहीं घुसा था और सभी अपने शानदार अभिनय के लिए मशहूर थे। अपने मुखपत्र में शिवसेना ने यह स्वीकार किया कि फिल्म उद्योग में परिवारवाद है,मगर यहां वही टिक पाता है,जिसमें टैलेंट हो। 
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फिल्म क्षेत्र से जुड़े लोगों ने मुंबई को अपनी कर्मभूमि माना है। इतना ही नहीं मुंबई को बनाने में उनका अहम योगदान रहा है।  साथ ही मुंबई में रहकर महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाने पर ‘सामना’ ने ‘पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर’ वाला उदाहरण दिया है। खुद कांच के घर में रहकर दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका जिन्होंने ऐसा किया भी है उन्हें मुंबई का श्रॉप लगा है। वैसे अब पता लग गया होगा मुंबई को कम आंकने का मतलब खुद के लिए गड्डा खोदना है। 
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गौरतलब है कि नौ सितंबर को बीएमसी ने कंगना रनौत के ऑफिस में कथित अवैध हिस्से में तोडफ़ोड़ की है। जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस रोक लगाने का आदेश दिया,परंतु तब तक बीएमसी कंगना के ऑफिस को ध्वस्त कर चुकी थी। 

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