Vijay Raaz पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप खारिज, 5 साल बाद कोर्ट ने किया बरी, जाने क्या है पूरा मामला - Punjab Kesari
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Vijay Raaz पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप खारिज, 5 साल बाद कोर्ट ने किया बरी, जाने क्या है पूरा मामला

5 साल बाद विजय राज को यौन उत्पीड़न आरोप से मिली मुक्ति

विजय राज को 2020 के यौन उत्पीड़न मामले में अदालत ने निर्दोष करार दिया। गोंदिया की अदालत ने आरोप साबित न होने के कारण उन्हें बरी किया। मुख्य शिकायतकर्ता की मृत्यु और गवाहों के अस्पष्ट बयान के चलते अदालत ने फैसला सुनाया। यह निर्णय उन मामलों के लिए उदाहरण है, जहां आरोप लगते ही दोषी मान लिया जाता है।

बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता विजय राज, जो ‘स्त्री’ और ‘गली बॉय’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय के लिए पहचाने जाते हैं, को 2020 में यौन उत्पीड़न के एक गंभीर आरोप का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब इस मामले में बड़ी राहत देते हुए अदालत ने उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है।

यह मामला फिल्म ‘शेरनी’ की शूटिंग के दौरान का था, जब एक महिला क्रू सदस्य ने अभिनेता पर शूटिंग के दौरान आपत्तिजनक व्यवहार का आरोप लगाया था। आरोपों के मुताबिक, घटना 25 से 29 अक्टूबर 2020 के बीच गोंदिया और बालाघाट में फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई थी। शिकायत में बताया गया कि विजय राज ने कथित रूप से बिना अनुमति के शारीरिक संपर्क करने की कोशिश की थी, महिला के मास्क को छूआ और उसकी शारीरिक बनावट पर टिप्पणी की थी।

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Vijay Raaz पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप खारिज, 5 साल बाद कोर्ट ने किया बरी

घटना की शिकायत गोंदिया के रामनगर थाने में दर्ज की गई, जिसके बाद 4 नवंबर 2020 को बालाघाट के एक होटल से विजय राज को हिरासत में ले लिया गया। हालांकि उसी दिन उन्हें जमानत मिल गई थी।

 अब, गोंदिया की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्र केशाओ सोरटे की अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि अभिनेता पर लगाए गए आरोप साबित नहीं हो सके। न्यायालय ने आईपीसी की धारा 354A और 354D के तहत दर्ज आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी की संलिप्तता सिद्ध करने में असमर्थ रहा।

Vijay Raaz पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप खारिज, 5 साल बाद कोर्ट ने किया बरी

मामले की सुनवाई के दौरान यह सामने आया कि मुख्य शिकायतकर्ता की मृत्यु हो चुकी है और वह गवाही के लिए उपस्थित नहीं हो सकी। वहीं, अन्य गवाहों के बयान भी स्पष्ट नहीं थे और कुछ ने घटना को देखने से इनकार कर दिया। साथ ही, प्रस्तुत किए गए सीसीटीवी फुटेज में भी कोई निर्णायक प्रमाण नहीं मिला।

 विजय राज की वकील सवीना बेदी सच्चर ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह निर्णय उन मामलों के लिए एक उदाहरण बनना चाहिए जहां आरोप लगते ही किसी को दोषी मान लिया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस केस की वजह से अभिनेता को फिल्म की शूटिंग बीच में छोड़नी पड़ी और करियर को नुकसान उठाना पड़ा।

 अदालत ने अपने आदेश में विजय राज की जमानत राशि लौटाने और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को नष्ट करने के निर्देश भी दिए हैं।

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