Sajid Nadiadwala से गुपचुप शादी और फिर अचानक मौत, Divya Bharti की जिंदगी का रहस्य - Punjab Kesari
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Sajid Nadiadwala से गुपचुप शादी और फिर अचानक मौत, Divya Bharti की जिंदगी का रहस्य

जब दिव्या ने करोड़ों दिलों में जगह बनाई

दिव्या भारती ने अपनी मासूमियत, खूबसूरती और अभिनय से करोड़ों दिलों को जीता। उनकी गुपचुप शादी और अचानक मौत ने बॉलीवुड में एक रहस्य पैदा कर दिया।

बॉलीवुड की दुनिया में कई सितारे आते हैं और अपनी छाप छोड़ जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जो बहुत कम समय में लोगों के दिलों पर राज करते हैं। दिव्या भारती ऐसी ही एक अदाकारा थीं, जिन्होंने अपनी मासूमियत, खूबसूरती और अभिनय प्रतिभा से करोड़ों दिलों को जीत लिया।

फिल्मी करियर की शुरुआत

25 फरवरी 1974 को मुंबई में जन्मी दिव्या भारती ने महज 16 साल की उम्र में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने सबसे पहले तेलुगु फिल्म “बोब्बिली राजा” (1990) में काम किया, जो एक बड़ी हिट रही। इसके बाद उन्होंने साउथ की कई फिल्मों में अभिनय किया और वहां अपनी एक अलग पहचान बनाई।

इन फिल्मों में किया काम

1992 में दिव्या ने फिल्म “विश्वात्मा” से बॉलीवुड में कदम रखा। इस फिल्म का गाना “सात समुंदर पार” आज भी लोगों की यादों में बसा हुआ है। इसके बाद “शोला और शबनम”, “दीवाना”, “बलवान”, “दिल का क्या कसूर” जैसी फिल्में आईं, जिनमें उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया। “दीवाना” फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का पुरस्कार भी मिला। सिर्फ 19 साल की उम्र में दिव्या 14 हिंदी फिल्मों में काम कर चुकी थीं, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

Divya Bharti Birth Anniversary: दिव्या भारती की मौत आज भी रहस्य4

दिव्या का दर्दनाक अंत

दिव्या की निजी ज़िंदगी भी कम फिल्मी नहीं थी। फिल्म “शोला और शबनम” के सेट पर उनकी मुलाकात फिल्म निर्माता साजिद नाडियाडवाला से हुई। दोनों के बीच जल्द ही प्यार हुआ और 10 मई 1992 को उन्होंने गुपचुप शादी कर ली। लेकिन अफसोस, ये प्रेम कहानी बहुत जल्द एक दुखद मोड़ पर आ गई। 5 अप्रैल 1993 को दिव्या की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई। कहा जाता है कि वो अपने घर की बालकनी से गिर गईं, लेकिन यह दुर्घटना थी, आत्महत्या थी या कुछ और — इसका सच आज तक सामने नहीं आया है।

दिव्या भारती भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्मों, मुस्कान और अभिनय की चमक हमेशा लोगों के दिलों में ज़िंदा रहेगी। उनका जीवन भले ही छोटा था, लेकिन प्रभाव अमिट रहा।

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