‘पुणे हाईवे’ इस हफ्ते की सबसे बेहतरीन मर्डर मिस्ट्री फिल्म है, जिसकी कहानी चार दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म की स्मार्ट राइटिंग और दमदार अभिनय ने दर्शकों को बांध रखा है। हालांकि, कम बजट और छोटी मार्केटिंग के चलते इसे उतने शो नहीं मिले, जितने मिलने चाहिए थे।
इस हफ्ते कई फिल्में रिलीज़ हुईं, लेकिन एक फिल्म जो सबसे ज्यादा सराही गई, वो है ‘पुणे हाईवे’। कहानी, एक्टिंग और निर्देशन के मामले में ये फिल्म लाजवाब है, लेकिन अफसोस की बात ये है कि इसे उतने शो नहीं मिले, जितने मिलने चाहिए थे। कम बजट, छोटी मार्केटिंग टीम और बड़े स्टूडियोज़ की मोनोपॉली के चलते ये फिल्म बहुत से दर्शकों तक पहुंच ही नहीं पाई। लेकिन अगर आप कहानी की बात करें तो ये एक बेहतरीन मर्डर मिस्ट्री है, जिसे दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं।
क्या है फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी चार दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है। एक वक्त ऐसा आता है जब इन दोस्तों में से एक पर हमला होता है और बाकी तीन कुछ नहीं कर पाते। सालों बाद एक लाश मिलने के बाद वही चारों दोस्त फिर मिलते हैं। इसके बाद सवाल ये उठता है कि क्या इस मर्डर का कोई रिश्ता उनके अतीत से है? वहीं वो मर्डर किसने किया? क्या वो कोई है जिसे वो जानते हैं? ये सब जानने के लिए आपको थिएटर जाना होगा, क्योंकि मर्डर मिस्ट्री में जितना कम बताया जाए, उतना ही मजा आता है।
फिल्म कैसी है?
‘पुणे हाईवे’ एक स्मार्टली लिखी और दिलचस्प फिल्म है। शुरुआत से ही कहानी आपको बांध लेती है और हर अगले मोड़ पर चौंकाती है। पास्ट और प्रेज़ेंट को इतनी खूबसूरती से जोड़ा गया है कि हर सीन में कुछ नया देखने को मिलता है। फिल्म में जबरदस्ती का कोई ड्रामा नहीं है, न ही ऊंची आवाज़ों वाला मेलोड्रामा। इसका स्क्रीनप्ले टाइट है और आप एंड तक अंदाजा नहीं लगा पाते कि कातिल कौन है।
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शानदार एक्टिंग परफॉर्मेंस
वहीं फिल्म की कहानी के साथ-साथ इस फिल्म के कलाकारों ने भी बेहतरीन अभिनय किया है। अमित साध ने इस फिल्म में खांडू की भूमिका निभाई है। फिल्म में उनका किरदार बदलता रहता है और अमित ने उसे बड़ी खूबसूरती से निभाया है। वहीं जिम सर्भ की स्क्रीन प्रेजेंस हमेशा की तरह दमदार है। वकील के रोल में वो अलग ही जंचते हैं। अनुवब पाल का किरदार थोड़ा अजीब है लेकिन उतना ही यादगार भी। मंजरी फडनीस, केतकी नारायण और सुदीप मोदक ने भी अपने रोल्स को अच्छे से निभाया है।
डायरेक्शन और राइटिंग
फिल्म को बग्स भार्गव कृष्णा और राहुल दा कुन्हा ने लिखा और डायरेक्ट किया है। दोनों ने मिलकर ये साबित किया है कि जब कहानी में दम हो तो आपको न बड़े बजट की जरूरत होती है, न ही ओवर-द-टॉप ड्रामे की। फिल्म हर कुछ मिनटों में आपको सरप्राइज देती है, जो इसे और भी एंटरटेनिंग बनाता है। अगर आप थ्रिलर, मर्डर मिस्ट्री और दिमाग को झकझोर देने वाली कहानी पसंद करते हैं, तो ‘पुणे हाईवे’ आपके लिए परफेक्ट है। अगर इस हफ्ते कोई फिल्म देखनी है, तो ‘पुणे हाईवे’ को मौका जरूर दीजिए। ये उस किस्म की फिल्म है जो लंबे वक्त तक याद रहेगी।