जयपुर : जाने-माने फिल्मकार विशाल भारद्वाज ने आज कहा कि लोगों को ‘पद्मावत’ के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि इसे सेंसर बोर्ड और उच्चतम न्यायालय ने हरी झंडी दी है। जयपुर साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन एक सत्र को संबोधित करते हुए 52 वर्षीय निर्देशक और संगीतकार भारद्वाज ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों के साथ सरकार की मिली-भगत है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर उच्चतम न्यायालय और सेंसर बोर्ड ने हरी झंडी दी है तो क्या समस्या है। अगर वे कह रहे हैं कि फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है तो हमें सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर ध्यान नहीं देना चाहिये।’’
भारद्वाज ने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार प्रदर्शनों पर नियंत्रण करने में अक्षम है तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिये। फिल्म 16 वीं सदी के कवि मलिक मोहम्मद जायसी की रचना ‘पद्मावत’ पर आधारित है। यह फिल्म तब विवादों में घिर गई जब विभिन्न राजपूत संगठनों ने इसमें इतिहास को गलत रूप में पेश करने का आरोप लगाया। हालांकि, फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने इन आरोपों का खंडन किया है। भारद्वाज ने कहा, ‘‘लोग पहले भी आहत होते थे। अब आहत होने वालों को संरक्षण दिया जा रहा है। उन्हें कानून लागू करने वाली एजेंसियां पत्थर फेंकने के लिये प्रोत्साहित कर रही हैं। जब निर्देशक ने बताए गए बदलावों को कर दिया है तो किसी को भी हिंसक प्रदर्शन में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय फिल्मों को आक्रामक तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। फिल्म उद्योग बेहद दुखी है। डरावनी बात यह है कि प्रदर्शनकारी बच निकल रहे हैं।’ भारद्वाज ने कहा, ‘‘आज बंदूक आपके सिर पर है। यह गलत दिशा में जा रहा है। अगर आपको अपनी सोच पर अंकुश लगाना है तो कैसे इसे लोकतांत्रिक समाज कहा जा सकता है। पहले आप प्रधानमंत्री और नीतियों की आलोचना कर सकते थे। अब आपको दो बार सोचना होगा।’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा समय कलाकारों के लिये ‘सबसे अच्छा’ वक्त है क्योंकि उन्हें सुना जा रहा है और उनपर ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब आपको दबाया जाता है, दमित किया जा रहा है या राज्य द्वारा चुप कराया जा रहा है तो आपके पास प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिये एक शत्रु है। अन्यथा शत्रु बेकार है। इससे पहले, अगर आप कुछ कहते थे तो उसपर ध्यान नहीं दिया जाता था। अब वे आपको सुन रहे हैं। अगर आप मौन हैं तो भी आपकी खामोशी उन्हें बेंध रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह जनता पर निर्भर है कि वह किसका समर्थन करना चाहती है। वह कलाकारों के साथ खड़ा होना चाहती है या दमन करने वालों के साथ।’’ पद्मावत विवाद पर फिल्म बिरादरी के रुख के बारे में भारद्वाज ने कहा कि समुदाय एकजुट है, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह शक्तिविहीन है और उसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
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