पंजाब केसरी के जेआर मीडिया इंस्टीट्यूट में पंजाबी व सूफी सिंगर सिद्धार्थ मोहन ने शिरकत की। इस मौके पर सिद्धार्थ ने ले जाना, टप्पे और मेरे रस्के कमर गाना गाकर स्टूडेंट्स को अपने साथ सुर से सुर मिलाने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने अपनी जिंदगी की नजीर पेश करते हुए कहा कि अगर किसी काम के प्रति लगन हो तो कामयाबी खुद ही हासिल हो जाती है। स्टूडेंट्स भी सिद्धार्थ से रूबरू हुए और उनसे सवाल-जवाब करने से पिछे नहीं हटे। स्टूडेंट्स ने सिद्धार्थ के साथ मस्ती की और सिद्धार्थ भी कहीं न कहीं स्टूडेंट्स के रंग में ही ढलते नजर आए। इस दौरान पंजाब केसरी टीम व स्टूडेंट्स ने उनसे कई सवाल-जवाब किए। जिनका सिद्धार्थ ने भी रोचक ढंग से उत्तर देने का प्रयास किया।
सिद्धार्थ आपने इंजीनियरिंग की है, ऐसे में सिंगिंग में पैर रखना कितना मुश्किल भरा रहा?
स्कूल टाइम से ही सिगिंग मेरी हॉबी रही है और बस मैंने इसे अपना पैशन बना लिया है, जिसमें फैमिली का भी काफी सपोर्ट रहा है। मैने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की, लेकिन मुझे इस फील्ड से इतना अधिक लगाव नहीं था। मुझे गायन के क्षेत्र में अपना करियर बनाना था। मैने मैकेनिकल इंजीनियरिंग को छोड़कर सिंगिग के साथ उड़ान भरने का फैसला किया। मेरे परिवार ने भी इसमें मेरा साथ दिया और मुझे अपने पैरों पर खुद खड़े होने के लिए छोड़ दिया।
सिद्धार्थ आप अक्सर अपनी वीडियोज में खुद ही फीचर होते हो इसके पिछे का कारण?
ऐसा कुछ नहीं है मेरी वीडियो के पीछे मेरी एक बहुत बड़ी टीम मेरे साथ मिलकर काम करती है। हां जब मुझे कुछ ऐसा करने का मौका मिलता है तो मैं कभी पीछे नहीं हटता, सिंगिग मेरी हॉबी है और मैं इसी में नाम कमाना चाहता हूं। हिंदी और पंजाबी के अलावा मैं कई अन्य भाषाओं जैसे चीनी, अरबी, सिंहली, मलयालम में भी गाना गाने का प्रयास कर रहा हूं।
यदि आपको बॉलीवुड की किसी अभिनेत्री के साथ काम करने का मौका मिलेगा है तो आप किसे चुनेंगे?
बॉलीवुड में मेरी पसंदीदा अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर हैं। मैं इन्हीं दोनों अभिनेत्रियों के साथ काम करना चाहूंगा। मैं चाहता हूं चाहे मुझे इनके साथ कोई छोटा ही रोल करने का अवसर मिले लेकिन इनके साथ काम करके मुझे सबसे अधिक खुशी होगी।
सिद्धार्थ ने 12 वर्ष की उम्र से गायन करना शुरू कर दिया था। उनकी शिक्षा एक साथ चलती रही, लेकिन गायन की उनकी यात्रा कभी नहीं रुक गई। सिद्धार्थ मोहन एक गायक, संगीतकार, गीतकार, गिटारवादक और जुनून के एक बांसुरी वादक हैं। वह 20 से अधिक देशों में प्रदर्शन कर चुके हैं। हिंदी और पंजाबी के अलावा मैं कई अन्य भाषाओं जैसे चीनी, अरबी, सिंहली, मलयालम में भी गाना गाने का प्रयास कर रहा हूं। सिद्धार्थ ने गिटार के तारों पर सूफीवाद का स्पर्श जोड़ा है उनकी आवाज़ दुनिया भर के लोगों द्वारा प्यार और सराहना की गई है।
सिद्धार्थ मोहन को रूसी दूतावास दिल्ली द्वारा 2009 में युवा उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। 2013 में सिद्धार्थ पीटीसी संगीत पुरस्कार द्वारा सर्वश्रेष्ठ पुरुष गायन से भी सम्मानित किए जा चुके हैं। सिद्धार्थ पिछले 20 वर्षों से आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन के प्रमुख लीड गायक हैं और अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के भी प्रमुख मुख्य गायक रहे हैं। सिद्धार्थ के जीवन में वह लम्हा भी आया जब असम के राज्यपाल द्वारा सिद्धार्थ को युवा भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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