Movie Review : राजपुताना आन बान और शान को दिखाती है फिल्म 'पद्मावत' - Punjab Kesari
Girl in a jacket

Movie Review : राजपुताना आन बान और शान को दिखाती है फिल्म ‘पद्मावत’

NULL

नई दिल्ली:  फिल्म का नाम- पद्मावत

डायरेक्टर- संजय लीला भंसाली

स्टार कास्ट- दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह, शाहिद कपूर, अदिति राव हैदरी, रजा मुराद, जिम सर्भ

अवधि- 2 घंटा 43 मिनट

सर्टिफिकेट- U/A

रेटिंग- साढ़े चार

संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत 25 जनवरी को रिलीज हो रही है। लेकिन इस फिल्म को लेकर विरोध और नफरत की जो चिंगारी करणी सेना की तरफ से लगाई गई है वो शांत नहीं हो रही है। सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद भी फिल्म का विरोध जारी है। फिल्म की कहानी को लेकर विरोध किस हद तक सही है इसका पता तो तब चलेगा जब फिल्म रिलीज होगी और विरोध करनेवाले देखेंगे कि उनका विरोध केवल एक जिद्द थी।

फिल्‍म की कहानी

इस फिल्‍म की कहानी मलिक मोहम्‍मद जायसी द्वारा कविता की शैली में लिखे गए महाग्रंथ पद्मावत पर आधारित है,जिसमें राजपूत महारानी पद्मावती के अदम्य साहस और बलिदान और उनके जौहर की कहानी को बताया गया है।

संजय लीला भंसाली की फिल्‍म पद़मावत 163.28 सेकंड की है और फिल्‍म की शुरुआत में फिल्‍म निर्माता ने इसे एक काल्‍पनिक कहानी के डिस्‍कलेमर के साथ रिलीज किया है।फिल्‍म में दीपिका पादुकोण की इंट्री जंगल में धनुष बाण चलाते हुए और हिरण के शिकार करते हुए दिखाई गई है। अब ये तीर हिरण को लगता है या किसी और को इसको हम यहां शेयर नहीं कर रहे हैं।

महारानी पद्मावती के दमदार रोल में दीपिका पादुकोण के होने से फिल्‍म से दर्शकों की उम्‍मीदें और भी बढ़ जाती है और अभिनेता रणवीर सिंह को खिलजी के खूंखार रूप में देखना अपने आप में रोचकता का आभास दिलाता है। शाहिद कपूर को महाराजा रतनसिंह के शौर्यवान रूप में दर्शको की रूची का खास कारण बनने जा रहा है।

सबसे खास बात फिल्‍म निर्देशक संजय लीला भंसाली की ‘देवदास’ से लेकर ‘रामलीला’ और ‘बाजीराव-मस्‍तानी’ तक फिल्‍मों की यात्रा में कहानी में भव्‍यता के साथ ड्रामा का जबरदस्‍त असर रहता है और फिल्‍म में गीत संगीत का भी कहानी के साथ शानदार तारतम्‍य देखने को मिलता है,फिल्‍म पद्मावत में भी आपको कुछ ऐसा ही देखने को मिलने जा रहा है,एक ऐसी सिनेमाई कहानी जो आपका मनोरंजन तो करेगी ही साथ ही आपको राजपूतों के गौरवगाथा की भी याद दिलाने जा रही है।

फिल्‍म की शुरुआत के 30 से 45 मिनट काफी स्‍लो हैं,इस दौरान राजा रतन सिंह का विवाह पद़मावती से होना और दिल्‍ली की सल्‍लतनत पर खिलजी का आना दो बड़ी बातें फिल्‍म में दिखाई गई है।

फिल्‍म में घूमर गीत को दिखाया गया है और महाराज रतन सिंह के अलावा उस समय कोई और पुरुष वहां नहीं होता है। फिल्‍म में रानी पद़मावती की ड्रेस पर विशेष ध्‍यान रखा गया है,कुछ संपादन के साथ गीत को बॉक्‍स ऑफिस पर दिखाया गया है,कमर और पेट का पूरी तरह से कपड़ों से ढके हुए नजर आ रहे हैं,गौरतलब है कि इस गीत के फिल्‍माकंन को लेकर कुछ विरोध दर्ज हुआ था जिसके बाद उसे संपादित करके दर्शको को दिखाया गया है।

इस फिल्म में आर्ट वर्क कमाल का है। इसका थ्री डी इफेक्ट ऐसा एहसास कराता है कि आप खुद रेगिस्तान के बीच में खड़े हों। फिल्म की पटकथा को काल्पनिक बताया गया है। हलांकी इस कहानी का अंत सभी जानते हैं लेकिन भंसाली ने उसे काफी दिलचस्प तरीके से दिखाया है।

फिल्म में पद्मावती और खिलजी के बीच किसी तरह का ड्रीम सीक्वेंस नहीं है। फिल्म में राजपूत समाज और उसके पराक्रम को ही स्क्रीन पर दिखाने की कोशिश की गई है। उस वक्त की महिलाओं की आत्मसम्मान की दास्तां को भी दिखाया गया है।

अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक  करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seventeen − two =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।