आज अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की बहुप्रतीक्षित फिल्म , डायरेक्टर कुशान नंदी की ‘बाबुमोशाय बंदूकबाज’ सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। ’88 Antop Hill'(2003) और ‘हम दम'(2005) के बाद कुशान की यह तीसरी बॉलीवुड फिल्म है। आईये नज़र डालते है इस फिल्म के ऊपर।
फिल्म की कहानी एक कॉन्ट्रेक्ट किलर बाबू बिहारी यानी नवाजुद्दीन सिद्दिकी की है। जो पैसों के लिए कभी मिनिस्टर का तो कभी आसपास के लोगों का खूब करता है। इसी बीच उसकी मुलाकात फुलवा (बिदिता बाग) नाम की लड़की से होती है। जो कि मोची है और जूते सिलने का काम करती है।
दोनों की लव-स्टोरी आगे बढ़ती है। यहीं कहानी में ट्विस्ट आता है और बाबू के कॉन्ट्रेक्ट किलिंग बिजनेस में एंट्री होती है बाके(जतिन गोस्वामी) नाम के शख्स की। दोनों में काम को लेकर कॉम्पटीशन शुरु हो जाता है। क्या होता है कहानी का एंड इसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है साथ ही कैमरा वर्क कमाल का है। फिल्म में बेहतर लोकेशंस का इस्तेमाल किया गया है। फिल्म की शूटिंग लखनऊ में हुई है। हालांकि स्क्रीनप्ले और कहानी पर थोड़ा काम किया जा सकता था। कहानी का एंड कहीं न कहीं निराश करता है इसे और बेहतर कर सकते थे।
नवाज की एक्टिंग काफी जबरदस्त है। फिल्म दर फिल्म उनकी एक्टिंग में जो निखार आ रहा है वो यहां देखने को मिला। फिल्म में बिदिता ने भी बढ़िया काम किया है। वहीं दिव्या दत्ता सुमित्रा नाम की मंत्री के रोल में हैं। उनका कैरेक्टर नेगेटिव है जिसे उन्होंने काफी बेहतरीन तरीके से प्ले किया है। मुरली शर्मा और बाकी स्टार्स का काम भी अच्छा है।
फिल्म का म्यूजिक ज्यादा खास नहीं है। हालांकि वो कहानी के साथ-साथ चलता है। इसमें कोई जबरदस्ती का म्यूजिक नहीं है। बैकग्राउंड स्कोर भी ठीक है। अगर आप नवाजुद्दीन के फैन और एडल्ट हैं तो जरूर यह फिल्म देख सकते हैं।